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न्याय के लिए दर-दर भटक रहा युवक, भालू के हमले से हुआ था घायल

पी. चंद |

चंबा में एक साल पहले भालू के हमले के बचे केवल राम को न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। भालू ने केवल राम की नाक और चेहरे को बुरी तरह खा डाला। चेहरे पर नाक तो है ही नहीं। अब समस्या ये है कि उनको अपना ईलाज करवाने के लिए शिमला के चक्कर लगाने पड़ रहे है।

दरअसल केवल राम पर हमले के बाद वन विभाग और डॉक्टरों की टीम ने 45 फीसदी विकलांगता प्रमाण पत्र जारी कर दिया। लेकिन चम्बा अस्पताल के एमएस ने इसको घटाकर 5 फ़ीसदी कर दिया। तब से केवल राम बिना नाक के ईलाज की राह देख रहे हैं। क्योंकि बिना प्रमाण पत्र के उनका ईलाज बड़े अस्पताल में निशुल्क नहीं हो सकता। मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले केवल राम के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह ईलाज करवा सकें।