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बेमौसमी बारिश ने किसानों को पहुंचाया नुकसान, मदद के रूप में मुआवजा दे सरकार: माकपा

पी. चंद |

किसानों के लिए एक बार फ़िर माकपा ने सरकार से मांग की है। शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों-बागवानों की फसलों को भारी क्षति हुई है। सरकार मदद करते हुए इन किसानों के नुकसान का आकलन कर उनको उचित मुआवजा राहत के रूप में दे।

आज प्रदेश के लगभग सभी जिलों में अनाज जिसमें गेहूं आदि की फसल पक कर तैयार है और इसकी कटाई चल रही है। इसके साथ ही प्रदेश में बेमौसमी सब्जियां जिसमें विशेष रूप से मटर, गोभी, टमाटर आदि की फसलें पक कर मंडियों में भेजने के लिए तैयार है। लेकिन कुछ दिनों से प्रदेश में हुई भारी वर्षा और ओलावृष्टि ने यह फसलें तबाह कर दी है जिससे किसानों को भारी नुकसान हो गया है।

प्रदेश में आजकल सेब के फूल आ रहे हैं और फल की सेटिंग की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन बेमौसमी बारिश औऱ ओलावृष्टि ने सेब की फसल को नुकसान पहुंचाया है। पिछले दिनों में शिमला, कुल्लू, मंडी और किन्नौर जिलों ने इसके कारण लगभग 20 प्रतिशत सेब का अभी तक नुकसान हो गया है। इसके अतिरिक्त चेरी, अन्य गुठलीदार फलों और नाशपाती की फसल को भी नुकसान हुआ है।

भारी बारिश औऱ ओलावृष्टि के कारण प्रदेश के किसानों-बागवानों का संकट और अधिक बढ़ गया है क्योंकि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण वह पहले ही संकट के दौर से गुजर रहा है। न तो उसको समय पर लागत वस्तुएं उपलब्ध हो रही हैं और अधिकांश मंडियों के बन्द रहने व कारोबार सुचारू न होने से उन्हें उनेके उत्पाद को औने पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रदेश में अधिकांश किसान व बागवान बैंकों और अन्य संस्थाओं से कर्ज लेकर कृषि तथा बागवानी करता है। आज वह इस स्थिति में नहीं रह गया है कि वह इस कर्ज को वापस कर सके। माकपा सरकार से मांग करती है कि इस विषम परिस्थिति में किसानों व बागवानों के संकट को ध्यान में रखते हुए किसानों की मदद करे।