<p>नगर निगम धर्मशाला के पहले कार्यकाल का 149.32 करोड़ रुपये का अंतिम बजट वीरवार को पारित किया गया। इस बार का बजट पिछले साल की अपेक्षा 10 करोड़ अधिक है। इस बजट में जनसहभागिता से विकास का नया प्रयास किया है, उसमें नगर निगम ने 50-50 फीसदी का शेयर निर्धारित किया है। नगर निगम एरिया के शमशानघाटों के पुनर्निर्माण के लिए बजट प्रावधान किया गया है। कोविड-19 के दौरान मृतकों के शवों को श्मशानघाट तक पहुंचाने की समस्या पेश आई थी, जिसके चलते बजट में शव वाहन का प्रस्ताव रखा है, जिसके लिए 10 लाख रुपये का प्रावधान किया है।</p>
<p>प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत कोविड-19 के दौरान नगर निगम के जो 350 के करीब रेहड़ी-फड़ी वालों में से 294 को 10-10 हजार रुपये के लोन 7 फीसदी सब्सिडी पर बांटे हैं। नगर निगम ने प्राकृतिक आपदा के तहत 5 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा है, जिससे कि कोई भी आपदा आती है, जैसे कि पिछले वर्ष कोविड-19 का प्रकोप था, ऐसी आपदा आती है तो उस बजट से पैसे निकाल सकें। शहर में पार्किंग के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें कचहरी अडडा, चुंगी या दाड़ी में स्ट्रीट पार्किंग के लिएव्यवस्था रखी है।</p>
<p>मर्च एरिया में पार्क निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 17 वार्डों के लिए रास्ते, फुटपाथ और छोटी पुलियों के निर्माण हेतू हर वार्ड के लिए एक-एक करोड़ का प्रावधान किया गया है। पार्कों की मुरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे पहले पार्कों में जो ओपन एयर जिम लगाए हैं उस पर 2.70 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।</p>
<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>हाउस टैक्स का फैसला सरकार पर निर्भर</strong></span></p>
<p>मर्ज एरिया में हाउस टैक्स का फैसला सरकार पर निर्भर करता है, अभी तक निगम ने मर्ज एरिया से हाउस टैक्स नहीं लिया है। सीवरेज की समस्या के लिए भी 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जहां सीवरेज की सुविधा नहीं है और लोग पानी में सीवेज फेंकते हैं। इस समस्या के समाधान हेतू नगर निगम दो वाहन लेकर जलशक्ति विभाग को देगा और जलशक्ति विभाग ही सेप्टिक टैंक को खाली करने का काम करेगा। इसके लिए स्पेशल एसटीपी का 10 करोड़ रुपये का प्रावधान स्मार्ट सिटी की ओर से रखा गया है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>स्टाफ हेतू 15 बार लिखे लेटर</strong></span></p>
<p>स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए नगर निगम 15 बार सरकार को लेटर भेज चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्तमान नगर निगम ने कम स्टाफ के बावजूद बेहतर काम करने का प्रयास किया है और किया भी है।</p>
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