<p>कोविड-19 एक ऐसी महामारी है, जिससे भारत और बाकी दुनिया वर्तमान में निपट रही है। कोरोना वायरस महामारी कई बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम को बाधित कर रही है, क्योंकि कई माता-पिता अपने बच्चों को अस्पताल ले जाने पर कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से डर रहे हैं, जिस वजह से वे अस्पताल में नहीं आ रहे हैं। इस विषय पर जानकारी देते हुए फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पुनीत आनंद ने कहा कि टीकाकरण के बिना बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों जैसे डिप्थीरिया, काली खांसी, रोटावायरल डायरिया, खसरा आदि का खतरा होगा और एक वर्ष से कम उम्र के शिशु सबसे अधिक असुरक्षित होंगे।</p>
<p>डॉ पुनीत आनंद ने कहा कि यदि टीकाकरण सेवाओं को थोड़े समय के लिए भी बाधित किया जाता है, तो टीके से बचाव योग्य बीमारियों (वैक्सीन प्रिवेंटिव डिसीज) का काफी खतरा होता है। टीके में देरी से बच्चे के टीकाकरण कार्यक्रम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। डॉ पुनीत आनंद ने कहा कि सभी नवजात शिशुओं को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले बीसीजी, ओपीवी और हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाने चाहिए।</p>
<p>प्राथमिक टीकाकरण श्रृंखला डीपीटी, हेपेटाइटिस बी, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी), ओपीवी, आईपीवी, रोटावायरस, न्यूमोकोकल (पीसीवी), इन्फ्लुएंजा, एमआर, एमएमआर, वैरिसेला को कभी भी विलंबित या स्थगित नहीं करना चाहिए। बढ़े हुए दुष्प्रभावों के डर के बिना एक ही दौरे में कई टीके दिए जा सकते हैं। टीकाकरण सेवाओं का उपयोग करने के लिए माता-पिता को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जैसे फ्लू जैसे लक्षण वाले किसी भी परिचारक को बच्चे के साथ ने भेजें। वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को बच्चों के साथ अस्पतालों में आने से बचना चाहिए।</p>
<p>माता-पिता और बच्चों को, शिशुओं को छोड़कर, हमेशा मास्क पहनना चाहिए। टीकाकरण के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। हर समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम द्वारा आपको और आपके बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए निरंतर उपाय कर रहा है। इसलिए बिना किसी झिझक के अपने बच्चे के टीकाकरण के लिए जाएं। फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में बच्चों के टीकाकरण के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं, अभिभावक यहां अपने बच्चों का सुरक्षित ढंग से टीकाकरण एवं किसी भी बीमारी का परामर्श और उपचार करवा सकते हैं।</p>
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