शिमला: फिल्म प्रमाणन बोर्ड की सदस्य एवं हिमसिने सोसाइटी एक सोच की उपाध्यक्ष भारती कुठियाला ने आज राजभवन, शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट कर उन्हें अपनी पुस्तक ‘गेयटी के रंगचर’ भेंट की। राज्यपाल ने भारती कुठियाला के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गेयटी में राज्य की विरासत संस्कृति समाहित है और यहां मंचन किए गए नाटकों को विशेष पहचान मिली है। राज्यपाल ने कहा कि कला अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है और यह पुस्तक न केवल कलाकारों के लिए बल्कि आम पाठकों के लिए भी ज्ञानवर्धक है। इस मौके पर भारती कुठियाला ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि यह पुस्तक गेयटी थियेटर की ऐतिहासिक यात्रा का दस्तावेज है।
उन्होंने गेयटी थियेटर के नाटकों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पुस्तक के पहले भाग में संपादकीय टिप्पणियां और गेयटी थियेटर के शुरुआती सफर का जिक्र किया गया है। पुस्तक के दूसरे भाग में गेयटी थियेटर के कलाकारों के संस्मरण प्रकाशित किए गए हैं, जबकि तीसरे भाग में रंगमंच की बारीकियों जैसे प्रकाश, ध्वनि, मंच शिल्प, मंच सज्जा, अभिनय आदि पर नाट्य कला से जुड़े विद्वानों के लेख समाहित किए गए हैं।
बातचीत के दौरान कलाकारों ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में नाटक विषय पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने आग्रह किया कि राज्य में नाटक विषय में स्नातकोत्तर पाठयक्रम शुरू किया जाना आवश्यक है, ताकि विभाग से प्रशिक्षित नाट्य शिक्षक अध्ययन कर सकें और रंगमंच कला को बढ़ावा मिल सके। इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी जवाहर कौल, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की पूर्व निदेशक आरती गुप्ता और देवेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे।
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