राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल प्रदेश में आलू आधारित उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है और कहा है कि जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत किसानों को आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। राज्यपाल आज केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला के 76वें स्थापना दिवस पर मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने संस्थान के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि लोगों को पोषणयुक्त खाद्य सामग्री सुनिश्चित करने के लिए फसलों का विविधिकरण किया जाना चाहिए। आलू देश की प्रमुख फसल है, जिसका कुल सब्जी उत्पादन में 28 प्रतिशत योगदान है। विश्व में चीन के बाद भारत का आलू उत्पादन में दूसरा स्थान है। वैश्विक आलू उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत उत्पादन भारत में किया जाता है। शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि संस्थान द्वारा किए गए शोध कार्य और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के कारण भारत विश्व में आलू के प्रमुख उत्पादक के रूप में पहचाना जाता है। इस दौरान राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे कर प्रचलन पर भी चिंता जाहिर की और आम जनता से युवाओं को नशे से बाहर निकालने का आह्वान किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने आईसीएआर-सीपीआरआई शिमला के कर्मियों को उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया। साथ ही संस्थान के कर्मचारियों को उत्तर भारत खेलकूद प्रतियोगिता पुरस्कार और किसानों को कृषि उपकरण भी वितरित किए।
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