Mandi; शिक्षण एक बहुत ही उत्तम कार्य है और अध्यापक बनना गौरव की बात है। नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां विजय मैमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन बड़सु (बगला) में 19वें स्थापना दिवस समारोह “नवरंग” कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि केवल नौकरी के लिए अध्यापक बनना यह भावना हम में नहीं होनी चाहिए क्योंकि अध्यापक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बच्चों को शिक्षित करना और उन्हें सही दिशा प्रदान करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि सही तरीके से अर्थ पूर्ण लक्ष्य के लिए अध्यापन कार्य करना अपने आप में ही बहुत बड़ा कार्य है।
उन्होंने कहा कि हमें युवा वर्ग को कार्य से जोड़ना होगा और वर्किंग एज ग्रुप के युवाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार अपनाने की दिशा में प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर तैयार करने के उद्देश्य से बाजार मांग के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान करने पर बल दे रही है। तकनीकी महाविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे आधुनिक व भविष्योन्मुखी कोर्स आरंभ किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में एआई का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है और भविष्य में हमें अपना स्थान बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक स्किल मैनपॉवर तैयार करनी होगी,तभी हम अन्य लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।
उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश क्वालिटी एजुकेशन के मामले में 21वें स्थान पर है और अच्छे संस्थान बनाने से ही हम युवाओं को क्वालिटी एजुकेशन दे पाएंगे, जिसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने में प्रशिक्षित अध्यापकों का मुख्य योगदान है। ऐसे में प्रदेश सरकार अध्यापकों के प्रशिक्षण को और अधिक परिणामोन्मुखी बनाने के लिए जिला स्तर पर डाइट तथा स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च के नियमों में बदलाव लाकर इन्हें और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा भविष्य में अध्यापक देश को विकसित बनाने के लिए सबसे बड़ा टूल होगा। इसलिए युवा अध्यापकों को स्किल के साथ जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वह युवा अध्यापक भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहे और अपने आप को इस तरह से तैयार करे की देश प्रदेश के निर्माण में अपना योगदान दे सके।
उन्होंने कहा कि अध्यापकों के हित में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने यूजीसी स्केल लागू कर अध्यापकों का मान-सम्मान बढ़ाया है और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने जब कंप्यूटर देश में लाया था तो उसका विरोध किया गया था, लेकिन आज उसके सुपरिणाम हमारे सामने हैं। जिन्होने स्वर्गीय राजीव गांधी के निर्णय को आज सही साबित किया हैं। देश को आईटी सेक्टर का सबसे अधिक लाभ हुआ हैं।
उन्होंने इस मौके पर कालेज के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया! इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज परिसर में पौध रोपण किया और कॉलेज में नवनिर्मित कंप्यूटर लैब का उद्घाटन भी किया।उन्होंने इस अवसर पर प्रो. मनमोहन सिंह की पुस्तक मंडी रियासत का इतिहास का भी विमोचन किया।
कॉलेज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गौरव मारवाह व प्रींसिपल बीएड कॉलेज दीप्ति मारवाह ने मुख्यातिथि को समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इससे पूर्व, विजडम शिक्षा समिति की अध्यक्षा कविता मारवाह ने मुख्यातिथि को शॉल, टोपी भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर एपीएमसी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, नरेश चौहान सदस्य तकनीकी शिक्षा, अक्षय सूद निदेशक तकनीकी शिक्षा, एसडीएम बल्ह विशाल शर्मा, अनुपमा प्रो वीसी एसपीयू मंडी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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