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सरकार की जुगाड़बाज़ी!, टांडा से 13 डॉक्टरों को हमीरपुर मेडिकल कॉलेज भेजा

डेस्क |

स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ और डॉक्टरों की कमी को पूरा करने की बात कहने वाली जयराम सरकार की एक बार फिर पोल खुलती नज़र आ रही है। दरअसल, सरकार ने प्रदेश के दूसरे बड़े अस्पताल यानी टांडा से 13 डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर हमीरपुर मेडिकल अस्पताल भेज दिया है।

दैनिक अख़बार के मुताबिक, सरकार ने इन 13 सीनियर डॉक्टरों को मूव किसी मक्सद के तहत किया है। बताया जा रहा है कि हाल ही मिले हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के लिए जल्द ही MCI(मे़डिकल कॉन्सिंल ऑफ इंडिया) की टीम चेकिंग के लिए आने वाली है। इसी के चलते मेडिकल कॉलेज कम अस्पताल में कोई दिक्कतें न हों, जिसके मद्देनज़र इन्हें मूव किया गया। इन आदेशों की कॉपी बकायदा स्वास्थ्य निदेशक शिमला, संबंधित डॉक्टरों और कॉलेजों के प्रिंसिपल को भी दी गई है।

वहीं, इस संदर्भ में समाचार फर्स्ट ने स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से बात करनी चाही तो उनका फोन नॉट रिचेबल गया।

इन डॉक्टरों के किये गए ट्रांसफर

आदेशों के अनुसार डा. राजेन्द्र मोटे प्रो. ओ.वी.जी., डा. राजेश शर्मा जनरल मैडीसन, डा. वी.डी. डोगरा प्रो. जनरल मैडीसन, डा. बाला चंद्र एसोसिएटिड प्रो. पैथोलॉजी, डा. जयसिंह एसो. प्रो. ऐनथिसिया, डा. विपिन शर्मा एसो. प्रो. ऑर्थो, डा. सीमा शर्मा एसो. प्रो. पियाडीयाट्रिक्स, डा. सुशील शर्मा एसो. प्रो. फोरैंसिक मैडीसन, डा. राजकुमार एसो. प्रो.. जनरल सर्जरी, डा. सोम राज एसो. प्रो. जनरल सर्जरी, डा. पुष्पेन्द्र चौहान एसो. प्रो. डरमैटोलॉजी, डा. ज्योति एसो. प्रो. तथा पुष्पेन्द्र सिंह एम.ओ. सीनियर रैजीडैंट चैस्ट एंड टी.वी. के डाक्टरों को तुरंत प्रभाव से आदेश जारी किए गए हैं।

ग़ौरतलब है कि जयराम सरकार को सत्ता में आए 10 महीने से ज्यादा का वक़्त हो चुका है, लेकिन अभी तक डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं की गई। हालांकि, कैबिनेट में तो 200 पद भरने को मंजूरी भी मिली थी, लेकिन अभी तक उसका कोई भर्ती नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। वहीं, प्रदेश के कई अस्पतालों में डॉक्टरों की परेशानी अभी तक भी बनी हुई है और अब तो टांडा जैसे बड़े अस्पताल से भी डॉक्टरों की मूविंग कर जुगाड़बाजी की जा रही है।

वहीं, हमीरपुर मेडिकल कॉलेज औऱ AIIMS को लेकर जयराम सरकार खूब वाहवाही लूटी है। लेकिन, असल में ग्राउंड रिपोर्ट क्या है… ये ट्रांसफर बयां करते हैं। बिलासपुर में तो डेंगू के खात्में के लिए सरकार के सभी अभियान भी फेल होते नज़र आ रहे हैं।