<p>कर्फ्यू के दौरान ऑनलाइन स्टडी पर सवाल उठने लगे हैं। हमीरपुर में कई छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूल इस व्यवस्था को लागू कर महज फीस वसूलने का आधार बना रहे हैं। सरकार को निजी स्कूलों को यह जिम्मा सौंपने के बजाय अपने स्तर पर ही सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाना चाहिए, ताकि इस पढ़ाई का फायदा भी हो सके।<br />
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आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने स्कूलों में बच्चों के पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए ऑनलाइन स्टडी की मुहिम शुरू की है। सरकारी स्कूल के बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है लेकिन इसके लिए कोई विस्तृत योजना लागू नहीं की गई है। स्कूल अपने स्तर पर ही व्यवस्था कर रहे हैं चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट। इसके चलते आप लोगों ने एक वेबसाइट के माध्यम से एक ही जगह पर एक ही समय पर बच्चों को ऑनलाइन स्टडी करवाने की मांग उठाई है ताकि धरातल पर इसका कुछ फायदा और परिणाम भी नजर आए।<br />
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भोटा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोरसू निवासी सुरजीत सिंह का कहना है कि सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से काम करना चाह रहे हैं। यहां सिर्फ फीस वसूलने का आधार मात्र है इसका बच्चों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। ताकि विद्यार्थियों को इसका फायदा भी मिल सके और धरातल पर कुछ परिणाम भी नजर आए। शिवदयाल ने कहा सरकार सकंट की घड़ी में बिजली पानी मुफ्त देने की बात कर रहीं पर ये तो वाद में ही पता चलता है की मुफ्त नहीं दोगुना भार गरीब जनता पर डाल देती है।</p>
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