जिम्मेदार ई-कचरा निपटान और वैज्ञानिक रीसाइक्लिंग की महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने करो संभव संस्था के सहयोग से शिमला में 3 से 5 फरवरी तक और सोलन में 6 से 8 फरवरी तक जागरूकता-सह-संग्रह अभियान की शुरुआत की है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने न्यू शिमला स्थित बोर्ड के मुख्यालय में मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर “ई-कचरा संग्रह अभियान” का उद्घाटन किया।मोबाइल वैन शिमला में घूमेगी और ई-कचरा एकत्र करेगी।
इस मौक़े पर प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि ई-कचरा, वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अपशिष्ट धाराओं में से एक है, जो एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय खतरे की चुनौतियों को प्रस्तुत करता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग में वृद्धि सीधे तौर पर ई-कचरा उत्पादन में वृद्धि से संबंधित है। इस अपशिष्ट श्रेणी में उसके जीवन चक्र के अंत में कोई भी इलेक्ट्रॉनिक या इलेक्ट्रिक उपकरण शामिल होता है। सीसा, कैडमियम, पारा और ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट सहित इसके अंदर मौजूद खतरनाक सामग्री, यदि औपचारिक चैनलों के माध्यम से निपटान नहीं किया जाता है या वैज्ञानिक रूप से पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जाता है, तो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर देते हुए शिमला और सोलन के नागरिकों से अनुरोध किया कि वे अपना ई-कचरा मोबाइल वैन में जमा करके या दान करके इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें। एकत्रित ई-कचरे को सुरक्षित और वैज्ञानिक निपटान और पुनर्चक्रण के लिए अधिकृत पुनर्चक्रण-कर्ताओं को निर्देशित किया जाएगा। इस अभियान में भागीदारी ई-कचरे के जिम्मेदार प्रबंधन में योगदान देती है, जो हमारे नागरिकों के स्थायी भविष्य की दिशा में एक आवश्यक कदम है।
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