आज़ादी के 70 साल बाद भी जिला कांगड़ा का एक गांव ऐसा भी है जो आज दिन तक सड़क की सुविधा से वंचित हैं। जी हां, ये गांव देहरा से 25 किलोमीटिर दूर है, जिसे लुनसू के नाम से जाना जाता है। यहां लोगों को एक मात्र ट्रेन की सुविधा उपलब्ध है और सड़क का दूर-दूर तक कोई नाम नहीं। हालांकि, कच्ची सड़क है, लेकिन इसमें गाड़िया नहीं जा पाती।
इसी कड़ी में ग्रामीणों ने कई दफा विरोध किया, लेकिन प्रशासन की ढील से आज दिन तक ये काम नहीं हो पाया। रविवार को गुस्साए ग्रामीणों ने एक बार फिर रोष जाहिर किया और गुलेर से कांगड़ा की ओर जाती ट्रेन को रास्ते में ही रोक दिया। बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष की अगुवाई में लोगों ने ट्रेन को रोका और सरकार से मांग उठाई की जल्द से जल्द सड़क का निर्माण किया जाए। इस आंदोलन में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक उन्हें कोई मूलभुत सुविधाएं नहीं मिली हैं, जिसके चलते यहां से 37 परिवार पलायन कर चुके हैं। प्रशासन की ओर से भी आज दिन तक कोई सुविधा नहीं मिल पाई है। वहीं, अध्यक्ष नितिन ने कहा कि कुछ और परिवार भी यहां से पलायन करने की तैयारी में है जिसके चलते स्थानीय ग्रामीणों आज प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस दौरान समाचार फर्स्ट ने विधायक से बात करने का भी प्रयास किया, लेकिन किन्हीं कारणों चलते विधायक ने कॉल नहीं लिया। जनता की मानें तो पहले जब बीजेपी विधायक रविंद्र रवि यहां की कमान संभाल रहे थे तो कई दफा उन्हें इस बारे में बताया गया, लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया।