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मंडी में निजी बसों के पहिये जाम, ऑपरेटरों से नहीं मिले मुख्यमंत्री

बीरबल शर्मा |

निजी बसों के पहिए प्रदेश में गुरूवार शाम को जाम हो गए जो शुक्रवार से पूरी तरह से जाम रहेंगे। जिला मंडी के निजी बस ऑपरेटरों ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है। निजी बस ऑपरेटरज यूनियन के जिला अध्यक्ष गुलशन दीवान ने बताया कि जिले में 3 बसों से परिचालन शुरू किया था जो गुरूवार को 100 बसों तक पहुंच गया।

मुख्यमंत्री से शिमला में मिलने का समय लेने के लिए गुरूवार को बस ऑपरेटरों और चालक परिचालकों का प्रतिनिधिमंडल विपाशा सदन गया, मगर मुख्यमंत्री कार्यक्रम खत्म होते ही बिना प्रतिनिधिमंडल से बिना मिले ही निकल गए। बाद में निराश ऑपरेटरों ने कंसा चौक बल्ह में बैठक की जिसमें लगभग 60 प्रतिनिधि शामिल हुए। एक मत से निर्णय लिया गया कि अब तक जो प्रशासन औऱ सरकार का सहयोग किसी तरह से किया जा रहा था। अब बिना किराया बढ़ाए और अन्य मांगे माने बिना इसे आगे बढ़ाए रखना मुश्किल है।

बेबस होकर बसें खड़ी करनी पड़ रही हैं क्योंकि डीजल में हुई बढ़ौतरी और सवारियां कम होने के कारण रोजाना घाटे में बसें चल रही हैं। अब उनकी बस हो गई है और वह आगे इस सेवा को जारी नहीं रख पाएंगे। हालांकि यूनियन ने सरकार द्वारा शतप्रतिशत एक्यूपैंसी करने का जो निर्णय लिया है उसका स्वागत किया औऱ सरकार का आभार जताया है। मगर पुराने किराए में बसें चलाना संभव नहीं है।

उनकी मांग है कि पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी किराया बढ़ाया जाए। न्यूनतम किराया 10 रुपए हो और मार्च 2021 तक टैक्स माफ किया जाए। अब-जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती बसें नहीं चलाई जाएंगे। जिला के ऑपरेटरों ने मंडी के मुख्यमंत्री होने के नाते जितना सहयोग सरकार का करना था किया मगर अब उनकी बेबसी है और घाटा उठाना बस में नहीं है। ऐसे में जो बसें कहीं रूट पर गई हैं वह जैसे ही अपने मूल स्थान पर लौटेंगी तो खड़ी कर दी जाएंगी।