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एसटीडी मंडी ने तैयार किया कम लागत वाला हैंड सैनेटाइज़र, मानकों को ध्यान में रखा गया

बीरबल शर्मा |

मंडी की स्वयं सेवी संस्थाए तकनीकी और विकास समिति (एसटीडी) द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए अल्कोहल आधारित कम लागत वाले हैंड सैनेटाइजर का निर्माण किया है। इसे बनाने में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थानए लखनऊ की ओर से तकनीकी सहयोग दिया गया है। इस हैंड सैनिटाइजर में मुख्यत आइसोद प्रोपाइल अल्कोहल का इस्तेमाल किया गया और इसके साथ-साथ इसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय जैवसंसाधनों आर्टिमीसिया और ऐलोवीरा का भी इस्तेमाल किया गया।

 इस सैनेटाइजर को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए दिशा-निर्देशों वनिर्धारित मानकों को ध्यान में रख कर किसान समूह नगवाईं को सैनेटाइजर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। हैंड सैनिटाइजर का उपयोग किसी सार्वजनिक स्थान या ऐसी जगह पर जहां साबुन और पानी उपलब्ध न हो। लोगों को इसके उचित और सुरक्षित इस्तेमाल के लिए भी सचेत किया गया। संस्था के कार्यकारी निदेशक जोगिंद्र वालिया ने बताया कि इसके अलावा मास्क बनाने का प्रशिक्षण भी सदर के नगवाई, बल्ह के बैहना, चंडयाल, नलसर, कुम्मी, दयारगी ,राजगढ़ व सुंदरनगर की कनैड, भौर एवं छातर के महिला स्वयं सहायता समूहों को सूती कपड़े से बनने वाले मास्क का पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

प्रशिक्षण शिविर मे 15 समूहों से 80 महिलाओं ने मास्क बनाने की तकनीक को सीखा और 27 अप्रैल तक लगभग 8000 मास्क बना कर जिला के 3 ब्लॉक में आम लोगों को वितरित किए। इसके अलावा इन महिलाओं ने अपने.अपने गांव में अन्य स्वयं सहायता समूहों कि महिलाओं को भी प्रशिक्षित करने और अधिक मात्रा मे मास्क बनाने का संकल्प लिया है। समिति में कार्यरत वैज्ञानिक भोपिंदर मेहता ने कहा कि कोरोना वायरस को हराने के लिए व्यकितगत स्वच्छता और सामाजिक दूरी सबसे सफल हथियार है।