छात्र संगठन NSUI विधानसभा चुनाव में मेनिफेस्टो तैयार करने जा रही है. NSUI का कहना है कि भाजपा सरकार की छात्र युवा विरोधी नीतियों को लेकर जनता के बीच जाया जाएगा. रविवार को शिमला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने शिरकत की और कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार की छात्र विरोधी नीतियों को जनता के बीच ले जाने के निर्देश दिए.
छात्र संगठन NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि प्रदेश का छात्र भाजपा सरकार की छात्र विरोधी नीतियों से त्रस्त है. प्रदेश की भाजपा सरकार छात्र हितों का हनन कर रही है और शिक्षण संस्थानों में जबरदस्ती अपनी विचारधारा को थोपने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पूर्व वीसी ने अपने बेटे को पीएचडी में एडमिशन नियमों के विपरीत दे दी. एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय को आरएसएस का अड्डा बना कर रख दिया है और विचारधारा को थोपा जा रहा है. विश्वविद्यालय में संघ के लोगों को वीसी द्वारा भर्ती किया गया और उसका इनाम वीसी सिकन्दर कुमार को राज्यसभा में सांसद के रूप में दिया गया.
वहीं, उन्होंने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि पहले तो भर्तियां निकलती नहीं हैं और अगर निकलती है तो उसके पर्चे लीक हो जाते है. आधे से ज्यादा भर्तियां कोर्ट में स्टे के माध्यम से लटकी हुई है. इन्ही सभी मुद्दों को लेकर एनएसयूआई छात्रों के बीच जाएगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन होने के नाते NSUI छात्र हितों के लिए जल्द ही एक मेनिफेस्टो लाएगी. उसी को लेकर कार्यकारणी की बैठक रखी गयी है.उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो उस मेनिफेस्टो में एनएसयूआई का मुख्य मुद्दा रहेगा की भर्ती विधान एक्ट लागू किया जाए.
भर्ती विधान के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जितनी भी परीक्षाएं होंगी उसकी प्रकिया एक तय समय सीमा पूरी हो और नोटिफिकेशन से लेकर जॉइनिंग तक पूरी प्रकिया 6 महीने में पूरी हो. अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी परीक्षा में घोटाला करता है तो उस भर्ती विधान के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट में उसके खिलाफ कार्रवाई हो और कड़ी से कड़ी सजा मिले.