हिमाचल प्रदेश के ऊना में खनन को लेकर सियासत गर्मी की शुरुआत में ही गर्म हो गई है। दरअसल, ऊना पुलिस ने खनन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के दो गुटों में झगड़े के बाद एक कांग्रेस समर्थक पंचायत प्रधान को गिरफ्तारी कर लिया। इसके बाद इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया और ऊना सदर से कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने शहर में रोष मार्च निकालते हुए बीजेपी सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।
विधायक यही नहीं रुके, उन्होंने समर्थकों सहित पुलिस कार्यालय के अंदर 3 घंटे तक पुलिस कार्रवाई पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस विधायक के तेवर बेहद गर्म रहे और उन्होंने पुलिस को मर्यादा में रहकर कार्रवाई करने की बात तक कह डाली। अपने समर्थक पंचायत प्रधान को अपने साथ लेकर जाने की ज़िद्द पर पार्टी विधायक पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही डटे रहे।
कांग्रेस विधायक का आरोप है कि पुलिस ने एकतरफी कार्रवाई कर रही है, जबकि खनन की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने अपने समर्थक के पास कानूनी खनन पट्टे होने का दावा भी किया। विधायक ने इसके पीछे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती का हाथ होने का आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि बीजेपी नेता ने गिरफ्तार प्रधान को पंजाब से गुंडे बुलाकर धमकाया।
वहीं, पुलिस इस मामले में सियासी रसूख की महक को शायद पहचान गयी थी। यही कारण था कि इतने हंगामे के बाद भी पुलिस के आला अधिकारी तक अधिकतर समय शांत मूकदर्शक बने रहे।