चंडीगढ़ या दिल्ली अपने वाहन से जा रहे हों तो कलर कोडिंग करवा लें और फास्ट टैग भी लगवा लें। क्योंकि अब पहली मार्च से इसके बिना चालान हो जाएगा। केंद्र और प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग द्वारा चलाए गए सड़क सुरक्षा और जीवन सुरक्षा माह के समापन पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मंडी श्रवण मांटा ने इसकी जानकारी दी है।
साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए आज हर व्यक्ति मुंह पर मास्क लगाकर बचाव कर रहा है जबकि कोरोना से इतनी मौतें नहीं हुई जितनी सड़क दुर्घटनाओं से होती हैं। इनमें अधिकांश दोपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट न पहनने से हो रही हैं। इसे समझने की जरूरत है। यातायात नियमों का पालन करके अपनी और दूसरे की जान की रक्षा की जा सकती है। यदि 100 हादसे बसों के होते हैं तो 1000 निजी छोटे वाहनों कार और दोपहिया से होते हैं। इनमें शराब पीकर या तेज गति से वाहन चलाने से होते हैं। दुर्घटनाओं में भी 100 में 90 में पुरूष ही मौत का शिकार होते हैं।
आने वाले दिनों में लाइसेंस प्रणाली भी पूरी तरह से आटोमैटिक हो जाएगी। जो यातायात नियमों की जानकारी रखता होगा वह भी इस प्रणाली में पास होकर लाइसेंस ले पाएगा। आज दुर्भाग्य इस बात का है कि अधिकांश लोग जो पढ़े लिखे होते हैं उन्हें भी यातायात नियमों का पालन नहीं है। रोचक यह भी है कि नियमों की उल्लंघना करने वालों में ज्यादातर रसूखदार लोग रहते हैं।