सरकार ने हिमाचल में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी एक्ट (रेरा) लागू कर दिया है। इस एक्ट की जानकारी देने को होल डे होम में सेमीनार आयोजित किया गया, जिसमें बिल्डरों को इस एक्ट से अवगत कराया गया। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (टीसीपी) मनीषा नंदा ने की।
हिमाचल के बिल्डर अब इस एक्ट के तहत ही रजिस्टर्ड होंगे, जिसके लिए टीसीपी में एक अथॉरिटी बनाई जाएगी। एक दैनिक अखबार के मुताबिक, अब 500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन बेचने और भवन बनाने वाले लोग बिल्डर की श्रेणी में आएंगे। इसमें बिल्डरों से रजिस्टर्ड होने के लिए 2 रुपये से लेकर 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर की हिसाब से रजिस्ट्रेशन की जाएगी।
टीसीपी के टाउन प्लानर सतीश शर्मा ने कहा कि सेंट्रल रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी केंद्र सरकार का एक्ट है। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों में लागू हो गया है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल एक्ट को 1 मई, 2017 से लागू किया गया है। हिमाचल सरकार इसे अब लागू कर रही है। इस एक्ट के लागू होने का मुख्य उद्देश्य बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाना है।
गौरतलब है कि रेरा प्रोजेक्ट में भले ही बिल्डरों पर नकेल कसी जा रही हो, लेकिन प्लॉट और फ्लैट खरीदने वाले लोगों को इसमें राहत मिलेगी। बिल्डर लोगों से धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे।