Categories: हिमाचल

देर रात मृतक कोरोना मरीज का देह संस्कार करने पर बवाल, CM से कार्रवाई की मांग

<p>उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर शिमला में कोरोना पीड़ित मृतक के अंतिम संस्कार के तरीके पर सख्त एतराज जताया है। उन्होंने समूचे मामले की जांच की मांग की है। हिंदू मृतक का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में किया जाना अनुचित था। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले की जांच कराने की मांग की ताकि भविष्य में किसी ऐसी घटना पर डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जा सके।</p>

<p>मुख्यमंत्री को भेजे एक पत्र में अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट में मौजूद मौजूद शिमला शहर की एसडीएम ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया। इसमें साफ कहा गया है कि का अंतिम संस्कार अत्यंत संवेदनशील मामला होता है।इसलिए मृतक के धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या डब्ल्यूएचओ के प्रोटोकॉल के अनुरूप अंतिम संस्कार से पहले कोरोना मृतक के परिवार को अन्तिम संस्कार के तौर-तरीके बताए गए और उसकी सहमति ली गई? प्रोटोकॉल कहता है कि अंतिम संस्कार से पहले परिवार की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है।</p>

<p>डब्ल्यूएचओ प्रोटोकॉल के अनुसार मृतक के धार्मिक विश्वास और निजी अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है। क्या इस अंतिम संस्कार में हिंदू मृतक के धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया?</p>

<p>उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पूर्व अंतिम संस्कार किया जाना वर्जित है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस में स्पष्ट है कि यदि शव को निर्धारित मानकों के अनुसार सैनिटाइज करके ठीक ढंग से पैक किया जाता है तो उसको शव गृह में रखा जा सकता है। उनका कहना है कि मौके पर मौजूद एसडीएम ने स्वयं पीपीई किट नहीं पहनी थी। यहां संबंधित अधिकारी की बहादुरी नहीं बल्कि असफलता है। &nbsp;</p>

<p>वहीं, शिमला नागरिक सभा ने आईजीएमसी शिमला में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले युवक के दाह संस्कार में संवेदनहीनता बरतने और लापरवाही करने पर प्रशासन, नगर निगम और प्रदेश सरकार की कड़ी निंदा की है। अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कोरोना पीड़ित युवक की मौत पर संवेदनहीनता बरतने की घटनाक्रम को मानवता को शर्मसार करने वाला कदम करार दिया है। इस कदम से साफ हो गया है कि सरकार और प्रशासन जब स्वयं ही कोरोना महामारी के मसले पर संवेदनहीन हैं तो फिर आम जनमानस को वह इस बीमारी से लड़ने की लड़ाई में कैसे संवेदनशील तथा तैयार कर पाएंगे।</p>

<p>इस घटनाक्रम ने जनता को गहरा सदमा दिया है कि मौत के बाद भी क्या इंसान से ऐसी अमानवीयता की इजाज़त दी जा सकती है। कोरोना पीड़ित इस युवक की उम्र बहुत ही छोटी थी। उसकी मौत से परिवार गहरे सदमे में था। प्रशासन के संवेदनहीन व लापरवाहीपूर्वक रवैये ने पीड़ित के परिवार के दुख को और गहरा करने का कार्य किया है।</p>

Samachar First

Recent Posts

Himachal: 21 साल बाद तृतीय श्रेणी पदों पर नियमित भर्ती, 245 स्पेशल एजुकेटर के पद भरे जाएंगे

  Himachal Special Educator recruitment: हिमाचल प्रदेश में 21 साल बाद तृतीय श्रेणी यानी ग्रुप-सी…

8 mins ago

Hamirpur News: सर्विस लाइन पर कुंडी लगाकर घर के लिए बिजली का जुगाड़ पड़ा महंगा, 1.30 लाख रुपये जुर्माना

Power Theft in Nadaun: नादौन विधानसभा क्षेत्र में बिजली चोरी का मामला सामने आया है,…

35 mins ago

हिमाचल के बिस्मिल्लाह खां सूरजमणि का निधन, शोक की लहर

Surajmani passes away : देश में छोटे बिस्मिल्लाह खां के नाम से मशहूर शहनाई वादक…

57 mins ago

NPS कर्मचारियों को बड़ी राहत, 12% महंगाई भत्ता जारी करने के आदेश

NPS employees Himachal DA update: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत…

13 hours ago

Himachal: केंद्र से 1,479 करोड़ की अग्रिम किस्त, रफ्तार पकड़ेगा विकास

Festive financial boost for Himachal:  वित्तीय संकट से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार…

13 hours ago

Sirmour News: यमुना शरद महोत्सव में जस्सी और बब्बल मचाएंगे धमाल

Yamuna Sharad Festival 2024: नगर निगम पांवटा साहिब द्वारा आयोजित ‘यमुना शरद महोत्सव’ इस वर्ष…

18 hours ago