लगातार आठ दिन कि स्ट्राइक पर बैठे पालमपुर के वेटरनरी छात्रों को सिर्फ सरकार की ओर से आश्वासन ही मिल रहे हैं। ट्रेनी छात्रों ने कहा कि वेटरनरी में अभी भी भत्ता केवल 4500 प्रति माह ही मिलता है, जबकि एमबीबीएस और बीडीएस कॉलेज में है यही भत्ता 17000 है। लगातार 3 साल से वेटरनरी छात्र प्रयत्न कर रहे हैं कि उनका इंटर्नशिप भत्ता एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों के बराबर किया जाए। लेकिन सरकार से अब तक सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिला है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी कहा है कि एमबीबीएस और वेटरनरी डॉक्टर एक समान हैं। जब दोनों की ही डिग्री 5.5 साल की है तो इंटर्नशिप भत्ते में ऐसा भेदभाव क्यों? पूरे हिमाचल में हर साल लगभग 1300 से 1400 से एमबीबीएस और बीडीएस बच्चे निकलते हैं जिन्हें इंटर्नशिप भत्ता 17000 मिलता है। जबकि हिमाचल में केवल एक मात्र वेटरनरी कॉलेज है जिसमें हर साल लगभग 50 से 55 बच्चा निकलता है जिन्हे सिर्फ 4500 प्रतिमाह मिलता है।
वेटरनरी छात्र अपनी सेवाएं पालमपुर से बाहर भी देते हैं अलग-अलग स्थानों पर जाकर भी देते हैं, जिसका खर्चा उन्हें 4500 में से ही निकालना पड़ता है। क्या बेजुबानों की सेवा करने वाले पशु चिकित्सकों के साथ्य यह नाइंसाफी नहीं।
मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों से मिल चुके छात्र
स्ट्राइक के दौरान वेटरनरी छात्र सीएम जयराम ठाकुर, ग्रामीण विकास, पंचायती राज पशुपालन विभाग के मंत्री वीरेंद्र कंवर, विपिन परमार सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वास ही मिले हैं। अब ट्रेनी डॉक्टरों ने कहा कि इतना सब करने के बावजूद भी वेटरनरी छात्रों को कुछ मिला है तो वह है निराशा और झूठे आश्वासन। क्या हिमाचल सरकार अपने एकमात्र वेटरनरी कॉलेज के छात्रों को इंसाफ नहीं दिला सकती। अगर उनकी मांगे अभी भी सुनी नहीं जाती हैं तो वेटरनरी के छात्र भूख हड़ताल पर बैठेंगे। हड़ताल पर होने के बावजूद भी वेटरनरी छात्र आपातकालीन सेवाएं अभी भी दे रहे हैं।