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कश्मीर: दीक्षा ठाकुर बनेगी डॉक्टर अपनी पहली ही कोशिश में पास की नीट की परीक्षा

Desk |

कड़ी मेहनत मजबूत इच्छाशक्ति हो तो हर इंसान जिंदगी में सफलता जरूर हासिल कर सकता है. ऐसे ही हौसले और जज्बे के साथ नादौन विधानसभा क्षेत्र की पिछड़ी पंचायत कश्मीर से निकली दीक्षा ठाकुर ने यह सब कर दिखाया है.

नादौन ब्लॉक की इस पिछडी पंचायत कश्मीर की बेटी दीक्षा ठाकुर अब डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करेगी. दीक्षा ठाकुर ने पहली  ही कोशिश में इस नीट की परीक्षा को  पास किया है और एमबीबीएस के लिए अब दीक्षा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा में अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करेंगी दीक्षा ठाकुर की इस उपलब्धि पर उसके परिजनों और गांव में खुशी का माहौल है.

दीक्षा ठाकुर ने गांव के ही स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की और 2 साल से हमीरपुर के अग्रणी शिक्षण संस्थान चाणक्य अकादमी में दाखिला ले लिया 2 साल की अपनी और शिक्षकों की कड़ी मेहनत के दम पर दीक्षा ठाकुर ने पहली मर्तबा ही नीट की परीक्षा को पास कर लिया दीक्षा ठाकुर के पिता सुभाष ठाकुर अभी कुछ साल पहले ही सेना से  सेवानिवृत्त होकर आए हैं.

माता नीलम कुमारी गृहिणी है और भाई भी चंडीगढ़ से बीएससी कर रहा है. दीक्षा ठाकुर का सपना था कि वह डॉक्टर बने दीक्षा ठाकुर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह  हर रोज 11 से 12 घंटे तक पढ़ाई करती थी. माता-पिता भी चाहते थे कि बेटी डॉक्टर बने दीक्षा ने बताया कि सोशल मीडिया का बहुत कम इस्तेमाल करती हैं.

उस का मुख्य उद्देश्य पढ़ाई के माध्यम से अपने लक्ष्य को हासिल करना ही रहता था. दीक्षा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अकादमी के मैनेजिंग डायरेक्टर नवनीत शर्मा अकादमी के गुरुजनों को और अपने माता-पिता को दिया है.