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रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया, इस समय भूलकर भी ना बांधें भाई को राखी

डेस्क |

रक्षा बंधन पर आज यानि 11 अगस्त को हिमाचल प्रदेश की महिलाओं को हिमाचल पथ परिवहनकी बसों में यात्रा मुफ्त में करने की सुविधा रहेगी. बाकायदा एचआरटीसी प्रबंधन ने इसको लेकर पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि महिला यात्रियों को वीरवार को प्रदेश के अंदर चलने वाली बसों में मुफ्त में यात्रा करने की सुविधा रहेगी. महिलाएं सूर्यास्त तक बसों में फ्री यात्रा कर सकेंगी.

रक्षा बंधन पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी है. राज्यपाल ने कहा कि रक्षा सूत्र बांधने की पुरानी परंपरा रही है. यह पर्व भाई और बहन के बीच विशेष लगाव का प्रतीक है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाए जाने वाले रक्षाबंधन के इस पावन पर्व का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व है. यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की अटूट डोर का प्रतीक माना जाता है.

रक्षाबंधन तिथि- 11 अगस्त 2022, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 12 अगस्त. सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर
शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक

रक्षाबंधन 2022 भद्रा काल का समय
रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल की समाप्ति- रात 08 बजकर 51 मिनट पर
रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ- 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
रक्षाबंधन भद्रा मुख – शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त :20:52:15 से 21:14:18 तक

भद्राकाल में राखी बांधना वर्जित क्यों?
भद्राकाल का समय अशुभ होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन हैं. ऐसी मान्यता है जब माता छाया के गर्भ से भद्रा का जन्म हुआ तो समूची सृष्टि में तबाही होने लगी और वे सृष्टि को तहस-नहस करते हुए निगलने लगीं. सृष्टि में जहां पर भी किसी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य संपन्न होता भद्रा वहां पर पहुंच कर सब कुछ नष्ट कर देती. इस कारण से भद्रा काल को अशुभ माना गया है. ऐसे में भद्रा काल होने पर राखी नहीं बांधनी चाहिए. इसके अलावा भी एक अन्य कथा है. रावण की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी जिस कारण से रावण के साम्राज्य का विनाश हो गया है. इस कारण से जब भी रक्षा बंधन के समय भद्राकाल होती है उस दौरान राखी नहीं बांधी जाती है.