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‘आजादी के 75 वर्ष बाद भी हिंदी को नहीं मिला मुकाम, राजकार्यों व न्यायिक व्यवस्था में आज भी हो रहा अंग्रेजी का प्रयोग’

पी.चंद |

आज यानी 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है.14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था. इसलिए हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाते हैं. हिंदी दिवस के मौके पर शिमला के गेयटी थिएटर में भाषा व संस्कृति विभाग के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शहरी विकास मंत्री ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की.

इस दौरान हिंदी में उत्कृष्ट काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिंदी को जो स्थान प्राप्त होना चाहिए वह प्राप्त नहीं हैं.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विशाल राष्ट्र के स्वाभिमान को जगाने के लिए हिंदी बहुत जरूरी हैं. हिंदी वैज्ञानिक भाषा हैं. आज जो अंग्रेजी जानता हैं उसे बड़ा विद्वान् माना जाता हैं. हिंदी भाषा हमारी राष्ट्र भाषा हैं भारत तभी विकसित हो सकेगा ज़ब हिंदी का प्रयोग ज्यादा होगा.

उन्होंने कहा कि आज हर स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देने की आवश्यकता हैं. शांता कुमार की सरकार ने 1978 में राजकार्यों में हिंदी के प्रयोग के आदेश दिए थे लेकिन आज भी परीक्षाओं के इंटरव्यू अंग्रेजी में लिए जाते हैं. उच्च न्यायालय नयायिक प्रकिया में अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता हैं. न्याय व्यवस्था में हिंदी का प्रयोग होना चाहिए. शिक्षा में भी हिंदी को जो स्थान प्राप्त होना चाहिए वह प्राप्त नहीं हैं.