सोशल मीडिया पर कई दिनों से वायरल हो रही एक ऑडियो क्लिप की गूंज बुधवार को शिमला नगर निगम की मासिक बैठक में गूंज उठी। बात यहां तक पहुंच गई की बीजेपी की पार्षद और डिप्टी मेयर के बीच हाथापाई होने ही वाली थी। लेकिन मेयर और बाकी पार्षद के बीच बचाव में मामला शांत हो गया।
दरअसल, एक ऑडियो क्लिप पिछले कई दिनों से शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है जिसमें निगम के पार्षद निगम में कार्यरत लीगल कमीश्नर पर आरोप लगा रहे हैं। इस पर बीजेपी पार्षद आरती चौहान ने सदन के मुखिया से कार्रवाई की मांग की, लेकिन इसी बीच डिप्टी मेयर राकेश शर्मा बीच में कूद पड़े और उनके बीच तू तू-मैं मैं हो गई। नोबत हाथापाई तक जा पहुंची और बाद में मामला शांत हुआ।
इस हंगामें के बाद भले ही निगम की कार्यवाही सुचारू रूप से चली, लेकिन इस बात से साफ़ जाहिर हो गया है कि निगम में जनप्रतिनिधि शहर के विकासकार्यों के प्रति कितने गंभीर हैं। वहीं बीजेपी पार्षद आरती चौहान ने कहा कि ऑडियो क्लिप को लेकर डिप्टी मेयर का ब्यान गैर जिम्मेदाराना था जिसमें महिला पार्षद के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई है। उन्होंने कहा कि डिप्टी मेयर को इस पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए और महिलायों के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
उधर, मामले पर निगम मेयर कुसुम सदरेट ने चेतावनी देते हुए दोबारा इस तरह के वाक्या न करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि निगम सदन में बार बार निगम की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाएगी तो वे कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगी। याद रहे कि कई दिनों से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें कमीश्न पार्षदों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए जान पड़ रहे थे।
इन विकासकार्यों पर लगी मुहर
सड़कों की टारिंग, एम्बुलेंस रोड़ और कम्युनिटी सेंटर बनाने पर लगी मुहर
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