स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि गत दिवस मीडिया में टोमेटो फ्लू के पॉजिटिव मामलों के सम्बन्ध में प्रकाशित मिथ्या व भ्रामक समाचार का स्वास्थ्य विभाग खंडन करता है. उन्होंने कहा कि सोलन के निजी विद्यालय के दृष्टांत उक्त ख़बर तथ्यहीन है और वास्तविकता से परे है. वस्तुतः निजी विद्यालय में तीन बच्चों में बुखार और त्वचा पर रैशेज की शिकायत देखने में आई,
इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन ने त्वरित प्रतिक्रिया दल के चिकित्सकों को बच्चों की जांच के लिए भेजा. विद्यालय के 370 बच्चों की जांच में टोमेटो फ्लू के मामलों की पुष्टि नहीं हुई है. बुखार और त्वचा पर रैशेज अन्य त्वचा रोग से सम्बद्ध थे. यद्यपि उक्त बच्चों को आइसोलेशन में रखने की हिदायत दी गई और विद्यालय के प्रधानाचार्य को अन्य संदिग्ध बच्चों में टोमेटो फ्लू अथवा त्वचा रोग के लक्षण प्रकट होने पर, इसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को देने का आग्रह किया गया.
विभागीय प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक टोमेटो फ्लू का कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है. रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता है. आस-पास की ज़रूरी वस्तुओं और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, भोजन व अन्य सामान को गैर-संक्रमित बच्चों से साझा करने से रोकना चाहिए.
टोमैटो फ्लू एक स्व-सीमित संक्रामक रोग है क्योंकि इसके लक्षण कुछ दिनों के बाद खत्म हो जाते हैं. टोमेटो फ्लू की सही तथ्याधारित सूचना व जानकारी लें, भ्रामक अफवाहों से बचें, सतर्क-सजग , जागरूक रह कर इस रोग के लक्षण दिखने पर नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें.
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