AIIMS MBBS admission fraud : हिमाचल प्रदेश का एक छात्र, अभिषेक, जो दो बार NEET की परीक्षा में असफल हो चुका था, ने इस बार फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से एम्स (AIIMS) मदुरै में MBBS में दाखिला पाने की कोशिश की। रामनाथपुरम केनिकराय पुलिस ने फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया है। अब पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और इस फर्जीवाड़े के पीछे के उद्देश्यों को समझने का प्रयास कर रही है।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अभिषेक ने हरियाणा से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी और वह पहले भी NEET की परीक्षा में असफल हो चुका था। इस साल फिर से परीक्षा देने के बाद, उसने अपने पिता के साथ AIIMS मदुरै में दाखिला प्रक्रिया के दौरान अपने NEET स्कोर को प्रमाणित करते हुए दावा किया कि उसने 720 में से 689 अंक प्राप्त किए हैं और उसका राष्ट्रीय स्तर पर 4392वीं रैंक है। उसने मोबाइल पर दिखाए गए इस प्रमाण पत्र के आधार पर दाखिले का दावा किया, लेकिन प्रशासन को संदेह होने पर उसकी सघन जांच की गई।
एम्स मदुरै के प्रशासनिक अधिकारियों को अभिषेक द्वारा प्रस्तुत प्रमाण पत्र में अनियमितताओं का संदेह हुआ। अधिकारियों ने यह देखा कि उसके प्रमाण पत्र में NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के हस्ताक्षर नहीं थे और छात्र का नाम NEET की आधिकारिक सूची में भी नहीं था। इसके बाद प्रशासन ने उसके रजिस्ट्रेशन नंबर और ईमेल के आधार पर उसकी वास्तविक रैंक और स्कोर की जांच की, जिसमें पता चला कि उसने वास्तव में केवल 60 अंक प्राप्त किए थे और उसकी रैंक 2,34,349 थी। यह साबित होने पर कि उसने मूल सर्टिफिकेट को डाउनलोड कर एडिट किया था, एम्स प्रशासन ने पुलिस में शिकायत दर्ज की और उसे हिरासत में ले लिया गया।
AIIMS मदुरै के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO, एम. हनुमंत राव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस घटना ने प्रशासन को सजग कर दिया है कि ऐसी धोखाधड़ी गतिविधियां होती हैं और छात्रों तथा अभिभावकों को इसके प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे आधिकारिक वेबसाइट से ही अपने सर्टिफिकेट डाउनलोड करें और किसी भी प्रकार के गैर-कानूनी तरीके अपनाने से बचें। राव ने यह भी कहा कि एम्स प्रशासन, विशेषकर मेडिकल क्षेत्र में, प्रामाणिकता और सत्यता को बहुत महत्व देता है और छात्रों के लिए भी यही संदेश है कि वे अपने सपनों को हासिल करने के लिए किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों से दूर रहें।
पुलिस ने आरोपी अभिषेक के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 336(2), 336(3), 336(4) और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस अब छात्र के पिता से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह समझा जा सके कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल हैं और क्या इसके पीछे किसी एजेंसी या दलाल का हाथ है।
राव ने इस घटना के माध्यम से एक व्यापक संदेश देते हुए कहा कि मेडिकल प्रवेश जैसे उच्च-प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में छात्रों को वैध और सत्यापित प्रक्रिया से ही आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शित करें और फर्जी एजेंसियों के चक्कर में न पड़ें। गलत मार्ग अपनाने के बजाए, छात्रों को मेहनत और ईमानदारी से प्रयास करने का संदेश दिया।
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