शिमला: पर्यावरण संरक्षण में हिमाचल प्रदेश हमेशा ही देश को राह दिखाता आया है। इस कड़ी में एक और पहल करते हुए, प्रदेश अब इलक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में मॉडल राज्य की तरह विकसित किया जाएगा।
यह जानकारी परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने हाल ही में इलक्ट्रिक वाहन नीति पर हुई चर्चा के बाद दी। उन्होंनें बताया कि इलैक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सतत विकास की ओर अग्रसर होने में मदद मिलेगी और राज्य में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। हिमाचल प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति के कार्यान्वयन के बाद लोग पुराने वाहनों के स्थान पर नए वाहन ख़रीदते वक़्त इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के प्रति प्रेरित होंगे।
परिवाहन मंत्री ने बताया कि केंद्र तीन राज्य — हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक — को मॉडल के तौर पर विकसित किया जाएगा।
अधिक शे अधिक लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करें इसलिए प्रदेश में वाहनों के चार्जिंग स्टेशन और चार्जिंग प्वाईंट की सुविधा विकसित की जाएंगी। यह सुविधा पैट्रोल पम्पों और अन्य स्थानों पर भी उपलब्ध होगी। इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को नोडल एजेंसी के रूप में चिन्हित किया गया है।
बिक्रम सिंह ने कहा कि बद्दी में 16.35 करोड़ रूपये की लागत से 32 बीघा भूमि पर निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण केंद्र भी विकसित किया जाएगा।
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