हिमाचल प्रदेश सरकार ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन के विविधिकरण के लिए ग्रामीण इलाकां में अनछुए और अप्रत्याशित पर्यटन स्थलों की पहचान के लिए 50 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ ‘नई राहें, नई मंजिलें’ नामक एक नई योजना की शुरूआत की है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोमवार को यहां हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
सीएम जयराम ने कहा कि राज्य पर्यटन विभाग ने नई योजना नई राहें नई मंजिलें के अंतर्गत राज्य में नौ सर्किट तैयार किए हैं। उन्होंने कहा कि इन सर्किटों में जोगिंद्रनगर-बरोट-कोठी-कोहर-राजगंगा-बीड़-बिलिंग, सुंदरनगर-चैलचौक-कामरू नाग-शिकारी देवी-जंजैहली-देवी-जंजैहली, शिमला – खड़ापत्थर-रोहड़ू-संदासु।
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लरोट-चांशल-डोडरा-क्वार, धोलाधार सर्किट, बुद्धिष्ट सर्किट, भाखड़ा-बिलासपुर-सुंदरनगर-जोगिंद्रनगर-पौंगडैम, सोलन-हाब्बण-राजगढ़-शिलाई, मनाली-रोहतांग-तान्दी-उदयपुर-किलाड़ तथा नारकंडा-बागी-खदराला-चिनी (कल्पा)-पांगी सर्किट शामिल हैं।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इनमें से तीन सर्किटों की पहचान के उपरांत पर्यटन, लोक निर्माण, वन, भाषा, कला एवं संस्कृति विभागों के अधिकारियों की एक समिति चयनित सर्किटों का दौरा करेगी और स्थानीय पंचायतों तथा हितधारकों से परामर्श के उपरांत की जाने वाली गतिविधियों को प्रस्तावित करेगी।