<p>हिमाचल प्रदेश में जीरो बजट खेती का कंसेप्ट लागू करने के प्रयास तेज हो चले हैं। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश जीरो बजट प्राकृतिक खेती का आंध्र प्रदेश का मॉडल अपनाएगा। आंध्र मॉडल का अध्ययन करने के लिए हिमाचल के कृषि विभाग के अफसरों का दल आंध्र प्रदेश के गुंटूर जाएगा।</p>
<p>उसके बाद हिमाचल में 17 मार्च को जीरो बजट खेती पर राज्य स्तरीय सम्मेलन होगा। उस सम्मेलन में आंध्र मॉडल की सीख पर चर्चा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं बागवानी विशेषज्ञों का एक दल 7 मार्च से आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले का दौरा करेगा। फिर यह दल 17 मार्च को प्राकृतिक कृषि पर आधारित प्रस्तावित राज्य स्तरीय सम्मेलन से पूर्व प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। हिमाचल का ये दल आंध्र मॉडल को यहां अपनाने की संभावनाओं पर रिपोर्ट पेश करेगा।</p>
<p>शनिवार को शिमला में हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता में राजभवन में शून्य लागत प्राकृतिक कृषि पर केंद्रित बैठक में ये सारा कार्यक्रम तय किया गया है। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव डॉ विजय कुमार, जो वर्तमान में भारत के मुख्य सलाहकार कृषि हैं, की सेवाएं इस क्षेत्र में ली जा सकती हैं।</p>
<p>उन्होंने शून्य लागत प्राकृतिक कृषि पद्धति को ढाई साल में आंध्र राज्य के लगभग एक हजार गांवों में सफलता से लागू किया है। हम उनके मॉडल को लेकर आगे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा कृषि वैज्ञानिक के तौर पर कृषि के ऋषि की उपाधि प्राप्त पदमश्री सुभाष पालेकर की सेवाएं लेकर किसानों को प्रशिक्षित किया जा सकता है।</p>
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