भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि शिमला नगर निगम चुनावों में लोकतंत्र की हत्या की गई है. जब चुनाव शुरू हुए थे तब लगभग 73000 मतदाता शिमला नगर निगम की सूची में सूचीबद्ध थे.
उसके बाद यह बढ़कर लगभग 93000 हो गए. इसके मुताबिक कांग्रेस पार्टी में नगर निगम चुनाव लड़ने के लिए लगभग 20000 वोट बढ़ाएं.
इन वोटों की तादाद बढ़ने से नगर निगम चुनाव के परिणामों पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ा है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाल ही में विधानसभा का चुनाव लड़े और उसके उपरांत उन्होंने नगर निगम शिमला में अपना वोट शिफ्ट कर लिया यह लोकतंत्र की प्रक्रिया के खिलाफ है. 6 महीने के अंतराल में कोई भी व्यक्ति अपना वोट विधानसभा क्षेत्र से बदल नहीं सकता है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक नेता द्वारा आज प्रेस वार्ता की गई जिसमें उन्होंने निरंतर यह कहा कि नगर निगम शिमला का विकास तभी होगा जब केंद्र सरकार अपना निरंतर योगदान शिमला शहर के लिए देती रहेगी.
तो इसमें कांग्रेस पार्टी को अपना जवाब मिल ही गया. अगर भारतीय जनता पार्टी ने अपने सेट प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को चुनावों में इस्तेमाल किया है. तो इसमें गलत क्या है?
जब नगर निगम शिमला केंद्र सरकार की ग्रांट पर ही चलनी है तो नरेंद्र मोदी के चित्र से कांग्रेस पार्टी को क्या आपत्ति है.
उन्होंने कहा मैं यह भी कहना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी हिमाचल प्रदेश के लिए कमी नहीं रखी है. चाहे वह पीजीआई सैटलाइट सेंटर हो, बल्क ड्रग पार्क हो, एम्स हो या अन्य करोड़ों के प्रोजेक्ट हो यहां तक की सुन्नी क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट के लिए भी केंद्र सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल के समय ही पैसा उपलब्ध करवाया है. केंद्र सरकार ने कभी भी कमी नहीं छोड़ी है.