हमीरपुर जिला के डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने प्रभावित पेयजल योजनाओं का निरीक्षण किया है. मेडिकल कॉलेज नेरचौक, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर और स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की एक ज्वाइंट टीम यहां पर निरीक्षण के लिए पहुंची.
कुनाह खड्ड में पहुंचकर टीम ने पेयजल योजना के स्त्रोत और इर्द.गिर्द के एरिया को भी जांचा है. इस टीम ने प्रभावित गांव का भी दौरा किया है तथा यहां पर कैंप लगाकर डायरिया से पीड़ित लोगों की जांच भी की है.
वहीं डायरिया से प्रभावित लोगों को पानी की समस्या से भी दो से चार होना पड़ रहा है. हालांकि प्रशासन द्वारा प्रभावित गांवों में टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है. लेकिन ग्रामीणों की आवश्यकता पूरी नहीं हो पा रही है.
जिसके चलते ग्रामीणों ने सुख सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस समस्या को सुलझाया जाए और गांवों में पानी की व्यवस्था को सुचारू किया जाए. बता दे कि अभी तक 1005 डायरिया के मामले सामने आए है और गत दिवस भी छह नए मामले डायरिया के आए है. नादौन के 55 से ज्यादा गांवों में डायरिया के मामलों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जुटी हुई है.
वहीं, ग्रामीण हरनाम सिंह ने बताया कि उन्हें पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. लेकिन विभाग द्वारा टैंकर के माध्यम से पानी गांवों में पंचायत जा रहा है. जिसके लिए भी सरकार का आभार जताते हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम में और आईपीएच विभाग की टीमें लगातार गांव में पहुंच रही है और लोगों की सेहत के बारे में जानकारी जुटा रही है.
ग्रामीण कौशल्या देवी का कहना है कि कैरियर की बीमारी से स्वास्थ्य काफी खराब हो चुका है. उन्होंने कहा कि पानी टैंकर के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है. लेकिन फिर भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाइयां दी जा रही है.
ग्रामीण अशोक कुमार और मनसा देवी ने बताया कि पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. क्योंकि दूसरे तीसरे दिन टैंकर के माध्यम से पानी गांव में पहुंचाया जा रहा है. लेकिन पानी की मांग पूरी नहीं हो पा रही है.
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें हर रोज टैंकर के माध्यम से पानी मुहैया करवाया जाए. ताकि समस्या ना हो. वहीं उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा दवाइयां समय पर दी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम में लगातार लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है.
विशेषज्ञ टीम के सदस्य डॉक्टर सौरभ का कहना है कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज से वह यहां पर उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर पहुंचे हैं. उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के अन्य विशेषज्ञ और मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के डॉक्टर भी हैं.
उन्होंने कहा कि बीमारी किस वजह से फैली इन कारणों का पता लगाने के लिए विभाग और प्रशासन का सहयोग करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव में जाकर कैंप भी लगाया गया है और प्रभावित लोगों की जांच भी की गई है.