आखिरी सुक्खू सरकार ने मंडी की सरदार पटेल यूनिवर्सिटी पर अपना हथौड़ा चला ही दिया। जिस तरह से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने आते ही भाजपा राज में आखिर के एक साल में खुले लगभग 700 संस्थानों को बंद करने के आदेश दिए थे, उसी तर्ज पर मंडी की सरदार पटेल यूनिवर्सिटी को भी बंद करने की आशंका जताई जा रही थी।
सरकार ने इसे कांग्रेस के अंदर हो रहे विरोध को देखते हुए इसे बंद तो नहीं किया मगर धीरे धीरे इसका दर्जा जरूर कम कर दिया। अब इसके साथ जुड़े कांगड़ा व चंबा जिलों के साथ आनी उपमंडल के कालेजों को भी वापस लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला को दे दिया गया। गौरतलब है कि एसपीयू ने दो दिन पहले ही अपनी पहली वर्षगांठ मनाई है।
सरकार के इस निर्णय से भाजपा लाल पीली हो गई है तथा सरकार को चेतावनी दी है कि यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया तो सरदार पटेल विवि का दायरा घटाने के निर्णय पर विधायक राकेश जम्वाल ने सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सुक्खू सरकार पर शिक्षा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है साथ ही इस निर्णय को निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार इस निर्णय को तुरंत वापिस ले अन्यथा भाजपा सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
राकेश जम्वाल ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर ने प्रदेश के दूर दराज व गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा घर द्वार पर देने के लिए मंडी में दूसरे विवि की स्थापना की थी लेकिन प्रदेश सरकार पहले दिन से ही शिक्षा संस्थानों को बंद करने की नीयत से काम कर रही है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर ने मंडी में प्रदेश का दूसरा विवि खोलने का निर्णय लिया था जहां नियमित रूप से कक्षाएं भी चल रही थी लेकिन वर्तमान सुक्खू सरकार ने विवि के दायरे को सीमित कर निंदनीय कार्य किया है। जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि शिमला प्रदेश की राजधानी व टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जिसका दबाब कम करने के लिए जयराम ठाकुर ने मंडी में विवि खोलने का निर्णय लिया था।
ताकि दूरदराज के गरीब छात्रों को शिमला पढ़ाई के लिए न जाना पड़े । मंडी विवि के साथ प्रदेश के लाहुल स्पिति,कुल्लू,मंडी,कांगड़ा और चंबा जिला के कालेजों को जोड़ा गया था लेकिन प्रदेश सरकार ने कांगड़ा ,चंबा और कुल्लू के आनी व निरमंड कालेजों को इससे बाहर करने का निर्णय लिया है और दोबारा शिमला विवि से इन कालेजों को जोड़ा गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
सुक्खू सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय की उन्होंने कड़ी निंदा की है और प्रदेश सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापिस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार अपना निर्णय वापिस नहीं लेती है तो भाजपा सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष निहाल चंद शर्मा ने कहा राजनीतिक द्वेष भावना के साथ काम करते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार मंडी की सरदार पटेल यूनिवर्सिटी को कमजोर कर इसको बंद करने का तानाबाना बुन रही है जिसे भाजपा कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी। जिस प्रकार से इस सरकार के मंत्रिमंडल ने इसका दायरा घटाने का प्रस्ताव पास किया है.
उसको देखते हुए जल्द भाजपा लोगों के बीच जाएगी और एक बड़ा जन आंदोलन छेड़ा जाएगा ताकि हजारों बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा है कि सरदार पटेल यूनिवर्सिटी को कमजोर करने के पीछे मंशा राजनीतिक है।
कैबिनेट में इसका दायरा घटाने का प्रस्ताव लेकर मुख्यमंत्री ने छात्र विरोधी निर्णय लिया है। सभी जानते हैं कि हिमाचल का सबसे पुराना कालेज मंडी का वल्लभ कालेज है और इस समय प्रदेश में सबसे अधिक सात हजार छात्र और छात्राएं यहां पढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एसपीयू से पांच जिलों के करीब 140 कालेजों को जोड़कर सरदार पटेल यूनिवर्सिटी स्थापित की गई लेकिन जब से कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है तो कांग्रेस नेता कई तरह के हथकंडे अपनाकर यूनिवर्सिटी को कमजोर करने में लगे हुए हैं।
हम पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार उच्च शिक्षा के लिए अभी भी बच्चों को दूरदराज के इलाकों से शिमला जाने को विवश करना चाहती है। क्या ये सरकार नहीं चाहती कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को घर द्वार उच्च शिक्षा मिल सके। क्या सरकार नहीं चाहती की गरीब घरों की बेटियां घर के पास खुली यूनिवर्सिटी से ही कम खर्चे में उच्च शिक्षा प्राप्त करे।
इस सवालों का जवाब इस सरकार को देना ही होगा और आने वाले दिनों में हम बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ सरकार के इस गलत निर्णय के खिलाफ संघर्ष करेंगे और जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन भी अंजाम तक पहुंचाएंगे।
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