पद्धर उपमंडल में एक ऐसे युवा की कहानी जिसने बदल दी अपनी जिंदगी. प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम से युवा वर्ग को आर्थिक व सामाजिक रूप से संबल बनाने में सहायक सिद्व हो रही हैं.
इनके कार्यन्वयन से जहां युवाओं को स्वरोजगार मिल रहा है. वहीं कुछ युवा दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं. पशु पालन विभाग द्वारा आरंभ की गई हिम कुक्कुट पालन योजना युवाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने में सहायक सिद्व हो रही है.
मंडी जिला के पद्धर उपमंडल के चमाह गांव के नागेन्द्र कुमार के लिए तो हिम कुक्कुट पालन योजना वरदान साबित हुई है. नागेन्द्र कुमार ने 12वीं तक की पढाई कर रखी थी तथा वह बद्दी में एक कम्पनी में काम करते थे.
लेकिन कोविड-19 के चलते वह बेरोजगार हो गया और नौकरी छोड़कर घर आ गया. बेरोजगारी के कारण उसे परिवार के भ्रमण पोषण का भी डर सताने लगा. इस दौरान उसे हिम कुक्कुट योजना की जानकारी मिली.
पशु पालन विभाग द्वारा नागेन्द्र कुमार को चैंतड़ा में 15 दिन का कुक्कट पालन का प्रशिक्षण दिया गया. उसके बाद उसे विभाग द्वारा कुक्कुट पालन के लिए शैड निर्माण हेतु एक लाख 44 हजार रुपये की राशि अनुदान के रूप में प्रदान की गई तथा तीन चरणों में एक-एक हजार चूजे दिए गए तथा चूजे के लिए 60 प्रतिशत अनुदान लगभग 90 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई तथा 20 क्विंटल आहार भी दिया गया.
नागेन्द्र कुमार का कहना है कि मुर्गी पालन से अब वह एक साल में चार लाख रुपये से अधिक की कमाई कर लेते हैं तथा अच्छे से अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. उनका युवाओं से भी आहवान है कि वह भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर स्वरोजगार अपनाएं तथा रोजगार मांगने वाले नहीं रोजगार देने वाले बनें.
इसी तरह पद्धर के गवाली गांव के ज्ञान चंद ठाकुर भी कुक्कुट पालन का कार्य कर रहे हैं तथा वह भी सालाना 2 लाख रुपये की आमदनी अर्जित कर रहे हैं.
क्या है कुक्कुट पालन योजना
कुक्कुट पालन योजना के तहत 15 दिन का निःशुल्क प्रशिक्षण पशु पालन विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है तथा शैड बनाने के लिए एक लाख 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. 3 हजार चूजे तीन बार प्रदान किए जाते हैं जबकि 20 क्विंटल आहार 60 प्रतिशत अनुदान पर दिया जाता है.
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी पद्धर डा0 दीपक वर्मा का कहना है कि विभाग द्वारा युवाओं के लिए कुक्कुट पालन योजना आरंभ की है जो रोजगार सृजन में बेहतर साबित हो रही है. उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि वह इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं.
उन्होंने कहा कि किसान व बागवान भी अपने कार्यो के अतिरिक्त मुर्गी पालन अपनाकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं. योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए उप निदेशक, पशु पालन विभाग मंडी अथवा उपमंडल स्तर पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस को सम्पर्क कर सकते हैं.
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…
NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…
Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…
Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…
Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…