नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रियंका गांधी का हिमाचल की राजधानी शिमला में घर भी हैं। उन्हें आपदा में पहले आ जाना चाहिए था। हिमाचल के लोग उनका बहुत बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। उनके द्वारा दी गई चुनावी गारंटियां सरकार बनने के बाद कांग्रेस भूल गई। पहली कैबिनेट में ही एक लाख सरकारी नौकरी देने का हिमाचल के युवा इंतज़ार कर रहे हैं। सरकार को बने नौ महीनें हो गए न महिलाओं को सम्मान निधि मिली और न ही युवाओं को रोज़गार। जो पिछली सरकार में दिये गए थे उसे भी छीन लिया गया है। प्रियंका गांधी हिमाचल में आई लेकिन आपदा प्रभावितों के लिए राज्य सरकार से क्या राहत दिलवाई, इसके बारे में भी उन्हें बताना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से हिमाचल के बागवानों को कोई नुक़सान नहीं है। यह सरकार कोरा झूठ बोल रही है। कांग्रेस सरकार झूठ के सहारे सत्ता में आई है और अभी भी लगातार झूठ बोलने का ही काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी सेब 75 रुपये कम के मूल्य से भारत में आ ही नहीं सकता है। इसके बाद ट्रांसपोर्ट समेत अन्य खर्चे अलग हैं। इसलिए कांग्रेस के लोग बाग़वानों को बरगलाना बंद करे और यह बताए कि उनके ‘किसान ही तय करेंगे सेब के दाम’ वाला दावा कहां गया। जो कांग्रेस सड़कें न खुलने की वजह से सेब फेंकने वाले बाग़वान पर एक लाख का जुर्माना लगा रही है। उनके मुंह से बाग़वान की बात अच्छी नहीं लगती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अमेरिकन सेब पर 20 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी मोदी सरकार ने अमेरिकी सरकार द्वारा एल्युमिनियम और स्टील से जुड़े उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के विरोध में जवाबी कार्रवाई में लगाई थी। जब वह ड्यूटी अमेरिकन सरकार ने हटा ली तो उसे भारत सरकार ने भी हटा लिया।उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों को बरगलाना बंद करे और बाग़वानों के लिए दी गई गारंटियों को पूरा करने का काम करे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रियंका गांधी का हिमाचल में घर है। पूरा प्रदेश आपदा की चपेट में था। प्रियंका गांधी को हिमाचल पहले आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को ख़ुद से चीजें पता करने के बाद बोलना चाहिये न कि हिमाचल के नेताओं के कहने पर। जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश का भरपूर सहयोग किया है। मुख्यमंत्री केंद्र के सहयोग को पीड़ितो तक पहुंचाने का कष्ट करे। यह सभी बातें नेता प्रतिपक्ष ने शिमला में मीडिया से बात करते हुए कहीं।