नगर निगम शिमला चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है. कांग्रेस पार्टी इस जीत से खासी उत्साहित है. जबकि भाजपा इसे ऑर्गनिक जीत नहीं होने का आरोप लगा रही है.
भाजपा पर पलटवार के लिए कांग्रेस के दो मंत्री व शिमला के विधायक सामने आए और विपक्ष को अपनी भूमिका अदा करने की नसीहत देते हुए हार को स्वीकार करने की सलाह दी है.
सरकार में उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा की बीजेपी नगर निगम शिमला की जीत पर टिक्का टिप्पणी करने से पहले सोचे. MC चुनाव सरकार की लोक प्रियता, कार्य प्रणाली का टेस्ट था. जिसमें वह सफल हुए है. जिस के लिए जनता का दिल की गहराइयों से धन्यवाद है. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा जनादेश पहली बार सुक्खू सरकार के नेतृत्व में मिला है.
विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि ये ऑर्गनिक जीत नही है, तो क्या विधानसभा में केमिकल जीत थी. शिमला में प्रदेश भर के लोग रहते हैं. ये जनादेश शिमला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का जनादेश है. भाजपा हार को पचा नही पा रही है.
भाजपा ने चुनाव परिणाम से पहले ही हार मान ली थी. क्योंकि EVM के नम्बर पर सवाल उठाये थे. हिंदी की वर्णमाला के आधार पर चुनाव चिन्ह होते है.
मतदाता पढ़ा लिखा है. ऐसे में भाजपा ये हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. आपने काम नही किया इसलिए प्रदेश की जनता ने आपको विधानसभा में नकारा. DA और एटिक की घोषणा पर सवाल उठाना हार से से बहलाने का जरिया है. जो DA भाजपा को देना चाहिए था. वह कांग्रेस को देना पड़ा.
भाजपा ने MC चुनाव को मोदी VS सुक्खू बना दिया गया. पोस्टर में मोदी के नाम पर वोट मांगे गए लेकिन शिमला की जनता ने सुक्खू के इमानदारी के काम पर मोहर लगाई है.
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि MC चुनाव में भाजपा डबल डिजिट तक नही पहुंच पाई. दस साल बाद कांग्रेस सत्ता में लौटी है. विपक्ष को हार को स्वीकार करना चाहिए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा वर्षो तक सत्ता में बने रहने के दावे कर रही थी.
लेकिन अब लगातार तीन बार हिमाचल में हारी है. यही वजह है कि भाजपा हार पचा नही पा रही है. भाजपा ने नगर निगम शिमला चुनाव से पहले ही हार मान ली थी.