Himachal Floriculture Growth: हिमाचल प्रदेश में फूलों का कारोबार कोविड-19 महामारी के बाद पूरी तरह पटरी पर लौट आया है। शादियों के सीजन और वेलेंटाइन डे के मद्देनजर फूलों की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश के अलावा दिल्ली और चंडीगढ़ में भी यहां के फूलों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
80 से 100 करोड़ का कारोबार
हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग के निदेशक विनय कुमार के अनुसार, प्रदेश में अब फूलों का कारोबार 80 से 100 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। केंद्र और प्रदेश सरकारें फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित पुष्प क्रांति योजना के तहत किसानों को बीते पांच वर्षों में 50 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। वहीं, केंद्र सरकार की मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) योजना के तहत किसानों को फूलों की खेती के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है।
डिमांड और दाम दोनों में वृद्धि
शिमला के फूल कारोबारी अमित सूद का कहना है कि शादियों और त्योहारी सीजन के चलते फूलों की मांग में तेजी आई है। इसके कारण फूलों की कीमतें भी दोगुनी से अधिक हो गई हैं। पहले जो पुष्प गुच्छ 100 रुपये में उपलब्ध था, अब वह 300 से 400 रुपये तक बिक रहा है।
285 हेक्टेयर में फूलों की खेती
हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में लगभग 285 हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती हो रही है, जिसमें से 112 हेक्टेयर क्षेत्र संरक्षित खेती (प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन) के अंतर्गत आता है। प्रदेश में लगभग 3000 परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान और सहायता के चलते फूलों की खेती एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में उभर रही है।



