ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर हिमाचल विधानसभा से लेकर सड़क तक संग्राम हो रहा है. शनिवार को शिमला में विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान जहां कांग्रेस ने सदन के अंदर हल्ला बोला और वॉकआउट किया. वहीं, दूसरी ओर, प्रदेश भर से बड़ी संख्या में शिमला कर्मचारी पहुंचे हैं. ये कर्मचारी बड़ी संख्या में विधानसभा के पास पहुंच गए हैं. वहीं, दूसरी तरफ ओपीएस की बहाली की मांग को लेकर एनपीएस कर्मचारियों ने हाथों ने तिरंगा लेकर टूटी कंडी से लेकर चौड़ा मैदान शिमला तक पेंशन अधिकार रैली निकाली और सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की. इस दौरान पुलिस प्रशासन ने कर्मचारियों को किसी भी तरह की हुड़दंग बाजी करने से रोकने के कड़े प्रबंध किए हुए थे.
भविष्य में खामायाजा भुगतने के लिए तैयार रहे जयराम सरकार….
वहीं, एनपीएस कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी शांतिपूर्ण तरीके से अपने पेंशन के अधिकार की मांग को लेकर शिमला विधानसभा के बाहर आए हैं. हजारों की संख्या में कर्मचारी दूरदराज क्षेत्रों से पहुंचे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अगर बाहर आकर कर्मचारियों के बीच मे ओपीएस बहाली के ऐलान करते हैं तो उनका अभिनंदन किया जाएगा लेक़िन अगर आज भी कर्मचारियों को निराशा ही मिली है जिसको लेकर आगामी दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा और बीजेपी सरकार को भविष्य में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
कांग्रेस ने सदन के अंदर बोला हल्ला…
विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान जहां कांग्रेस ने सदन के अंदर हल्ला बोला और वॉकआउट किया. वहीं, दूसरी ओर, प्रदेश भर से बड़ी संख्या में शिमला कर्मचारी पहुंचे हैं. ये कर्मचारी बड़ी संख्या में विधानसभा के पास पहुंच गए हैं.
हालांकि, चौड़ा मैदान से आगे इन्हें जाने की अनुमति नहीं है औऱ यहीं पर ये सभी कर्मी धरना दे रहे हैं. चौड़ा मैदान सहित शिमला शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. फिलहाल, कर्मचारियों का धरना चल रहा है और ओल्ड पेंशन की बहाली की मांग की जा रही है.
आखिरी दिन हंगामे के साथ हुई सदन की कार्यवाही….
इससे पहले, हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन की शुरुआत सदन में हंगामे के साथ हुई. कांग्रेस विधायक आशा कुमार ने सदन में नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाया था. इसे लेकर विपक्ष ने बीते शुक्रवार को ही स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था और ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) पर चर्चा की मांग की थी. प्रश्नकाल के दौरान चर्चा नहीं मिलने पर विपक्ष सदन में नारेबाजी करने लगा और विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. कुछ देर बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक-आउट कर दिया.