हिमाचल

प्रदेशवासियों और सरकार के सामंजस्य से बचाव एवं राहत कार्यों में हासिल हुई आशातीत सफलता

जुलाई के शुरूआत में आए प्रकृति के प्रकोप ने हिमाचल प्रदेश से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे देश को आगोश में भर लिया, परंतु भारी बारिश, भू-स्खलन और बाढ़ के कारण जितना खौफनाक मंजर हिमाचल ने देखा शायद ही किसी अन्य राज्य ने देखा हो।

फिर भी, इस संकट का सामना करने में प्रदेशवासियों और राज्य सरकार ने मिलकर प्रदेश के मार्गदर्शक सिद्धांत ‘अतिथि देवो भव’ का उदाहरण प्रस्तुत किया।

अपने गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए विख्यात हिमाचल प्रदेश के लोगों और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास की बड़ी जिम्मेदारी ली है। इस आपदा के समय में यह प्रयास उल्लेखनीय समर्पण और निःस्वार्थता का प्रतीक बने हैं।

यह प्राकृतिक आपदा दशकों में सबसे गंभीर परिणाम लाई है जबकि राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बचाव एवं राहत कार्य चुनौतीपूर्ण रहे हैं। इसके चलते प्रदेश के लोगों का साहस और राज्य सरकार की दक्षता दोनों का परीक्षण हुआ है।

सरकार ने स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए जिम्मेदारी के साथ पहले दिन से ही विभिन्न स्थानों में फंसे हुए लोगों को सकुशल निकालने के लिए अथक प्रयास आरम्भ किए। बचाव कार्यों के सफलता से पूरा होने तक मुख्यमंत्री दिन-रात मंत्रिमण्डल सहयोगियों और अधिकारियों के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे थे।

प्रदेशवासियों और सरकार के सामंजस्य और त्वरित प्रतिक्रिया से बचाव एवं राहत कार्यों में आशातीत सफलता हासिल हुई है। आपदा राहत प्रबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत कोष-2023 की स्थापना 16 जुलाई, 2023 को की गई। यह राहत कोष भारी बारिश से हुए नुकसान के पश्चात अब लोगों के पुनर्वास व अधोसंरचना की बहाली एवं मरम्मत कार्यों के उद्देश्य की पूर्ति को मद्देनज़र रखते हुए स्थापित किया गया है।

प्रदेशवासियों, विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं इत्यादि द्वारा 22 जुलाई 2023 तक 16.50 करोड़ रुपये से अधिक का अंशदान इस राहत कोष में प्राप्त हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी उपायुक्तों को राहत कार्यों के लिए 188.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस संकट के समय में सामूहिक प्रयासों और उदारता ने करुणा और एकता की शक्ति को प्रदर्शित करते हुए लोगों के दुखों को बांट कर उनकी कठिनाइयों को कम करने का काम किया है।

शुरुआती आकलन के अनुसार आपदा के कारण प्रदेश को लगभग 8000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संवदेनशील सरकार का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रभावित लोगों को सम्मानजनक राशि प्रदान करने का ऐतिहासिक फैसला लेते हुए वित्तीय सहायता राशि में कई गुणा वृद्धि की है तथा तत्काल सहायता के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की है। राहत राशि में की गई यह वृद्धि मानव जीवन, संपत्ति आदि की हानि और राहत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अन्य सभी उपशीर्षों में प्रदान की गई है।

राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त घरों (कच्चे और पक्के मकानों) और दुकानों को ऐसी आपदा के समय में दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये करके विशेष मापदंड अधिसूचित किए हैं। सामान के नुकसान के एवज में दस गुणा बढ़ोतरी कर 10,000 रुपये के स्थान पर अब एक लाख रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। मानवीय दृष्टिकोण का आदर्श स्थापित करते हुए अन्य क्षेत्रों में भी इतनी ही बढ़ोतरी की गई है।

अप्रत्याशित कठिनाईयांे का सामना करते हुए राज्य के लोगों ने असाधारण बहादुरी एवं एकजुटता का प्रदर्शन किया। इस मुश्किल घड़ी में समर्थन एवं राहत के लिए लाखों हाथों का निःस्वार्थ रूप से आगे आना हमारे आपसी भाईचारे एवं संस्कारों का परिचायक है। भारी बारिश, भू-स्खलन व बादल फटने के कारण 9 जुलाई को आई तबाही व इसके पश्चात हिमाचल प्रदेश की यात्रा एक मार्मिक अनुस्मारक के रूप में सदैव यह दर्शाएगी कि करुणा समुदायों को प्रकृति के सबसे कठोर प्रहारों के बावजूद भी सहन करने और पुनर्निर्माण करने में मदद कर सकती है।

Kritika

Recent Posts

ध्रोबिया में सड़क निर्माण से खुशी की लहर, पूर्व विधायक काकू ने दिया विकास का संदेश

Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…

5 hours ago

पर्यटन निगम को राहत: 31 मार्च तक खुले रहेंगे 9 होटल, हाईकोर्ट का फैसला

High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…

6 hours ago

एनसीसी दिवस: धर्मशाला कॉलेज में 75 यूनिट रक्तदान, नशा मुक्ति का संदेश

NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…

7 hours ago

शनिवार से कुंजम दर्रा यातायात के लिए पूरी तरह बंद , नोटिफिकेशन जारी

Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…

7 hours ago

महाराष्ट्र-झारखंड नतीजों के बीच शिमला में राहुल और सोनिया गांधी

Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…

7 hours ago

मां का खौफनाक कदम: दो बच्चों की हत्या कर खुदकुशी करनी चाही पर नहीं आई मौत

Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…

8 hours ago