प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के लाखों छात्र अब बैंकों की तरह अपने सर्टिफिकेट डिजिटल लॉकर में रख सकेंगे। डिजिटल लॉकर में रखे छात्र छात्राओं के प्रमाण पत्र वे दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर एक क्लिक पर देख पाएंगे। ऐसी सुविधा देने वाला हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड देश का पहला राज्य बनेगा। इस नई योजना को प्रारंभ करने वाले मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 2 संस्थाओं के अधिकारियों ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के आला अधिकारीयों के साथ बैठक की है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा बोर्ड के समक्ष इस योजना को प्रारंभ करने के लिए डेमोस्ट्रेशन दे दिया है। अब शिक्षा बोर्ड मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए सोच रहा है। शिक्षा बोर्ड जल्द ही समझौता कर बहुत जल्द दिहितल लाकर की इस योजना पर पायलट प्रोजेक्ट को पायलट आधार पर आरंभ करेगा डिजिटल लाकर में छात्र अपने 10वीं, 12वीं और अन्य जरूरी सर्टिफिकेटस को रख सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बलबीर तेगटा ने बताया की मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है और इस योजना पर विचार कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ समझौता कर जल्द ही इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आरंभ कर देंगे।
ऐसे काम करेगा
डिजिटल लॉकर के लिए शिक्षा बोर्ड छात्रों को यूजर नेम और पासवर्ड देगा जिसके लिए लाकर खोलने के लिए छात्रों को शिक्षा बोर्ड से पासवर्ड लेना होगा तभी लॉकर खुलेगा। उन्होंने कहा डिजिटल लॉकर में रखे सर्टिफिकेट सभी सरकारी महकमों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मान्य होगा। उन्होंने बताया थर्ड पार्टी भी आवेदन भेजकर डिजिटल लॉकर में छात्रों के प्रमाण पत्र सत्यापित कर सकेगी।
यह होगा फायदा
वहीं, वर्तमान में शिक्षा बोर्ड छात्रों को उनके प्रमाणपत्र घर में हार्ड कापी के रूप में भेजता है ऐसे में कई बार प्रमाण पत्र खो जाने या घर पर रह जाने की बजह से छात्र साक्षात्कार या उच्च शिक्षा में प्रवेश करने से वंचित रह जाते हैं। अब छात्र कहीं भी कभी भी ऑनलाईन अपने सर्टिफिकेट अपने प्रयोग के लिए देख सकेंगे। सरकारी नौकरी लग जाने पर विभागीय सत्य्पान में भी डिजिटल लॉकर काम आएगा।