Vimal Negi Death Probe: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत के बाद मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में कहा कि मामले की जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) रैंक के अधिकारी करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस नियमानुसार कार्रवाई कर रही है और जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि विमल नेगी की पत्नी भी उनसे मिली थीं और सरकार ने उन्हें खोजने का पूरा प्रयास किया था।
इस मामले पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस घटना की CBI जांच की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) की कार्यप्रणाली को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं और ऐसे में यह जरूरी है कि इस केस की जांच निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए।
इस घटना के बाद बिजली विभाग के कर्मचारी और विमल नेगी के परिजन सड़कों पर उतर आए हैं। एम्स बिलासपुर के बाहर HPPCL प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों और परिजनों ने प्रदर्शन किया। शिमला के BCS क्षेत्र में भी पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठे। इस दौरान कर्मचारियों ने HPPCL कार्यालय का गेट बंद कर दिया और सरकार से मांग की कि प्रबंधन को सस्पेंड किया जाए ताकि जांच निष्पक्ष हो सके।
राजस्व मंत्री जगत नेगी ने भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि परिवार की ओर से लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि उच्च अधिकारियों ने मानसिक प्रताड़ना दी, जिससे मजबूर होकर विमल नेगी को यह कदम उठाना पड़ा। ऐसे में मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच आवश्यक है। वन निगम के पूर्व उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने भी CBI जांच की मांग की और कहा कि बिना किसी दबाव के यह पता लगाया जाना चाहिए कि वास्तव में विमल नेगी पर किस तरह का दबाव बनाया जा रहा था।
सोशल मीडिया पर भी इस केस की CBI जांच की मांग तेज हो रही है। कई लोगों ने पोस्ट कर कहा कि विमल नेगी को रात-दिन काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।
गौरतलब है कि विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे। उनके परिवार ने शिमला के सदर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आखिरी बार वह बिलासपुर जिले में सीसीटीवी में नजर आए थे। मंगलवार को उनका शव गोविंदसागर झील में मछुआरों ने देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर एम्स बिलासपुर में पोस्टमॉर्टम कराया, जिसके बाद उसे अंतिम दर्शन के लिए HPPCL कार्यालय लाया गया।
विमल नेगी किन्नौर जिले के रहने वाले थे और शिमला में HPPCL मुख्यालय में कार्यरत थे। वह अपने पीछे पत्नी, कॉलेज में पढ़ने वाली बेटी और छठीं कक्षा में पढ़ रहे बेटे को छोड़ गए हैं। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उच्च अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण यह घटना हुई है। हालांकि, इस मामले की सच्चाई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगी।