हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग(HPSSC) में धांधली के आरोप लग रहे हैं। दरअसल, शिलाई की रहने वाली एक युवती ममता ने एचपीएसएससी पर आरोप लगाया है कि सिलेक्शन प्रोसेस में गड़बड़ी हुई है, जिसके चलते कम अंक वाले अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हो गया। जबकि ज्यादा अंक लेने के बाद भी उसका नंबर नहीं पड़ा। जब ममता ने यह सवाल उठाया तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि सिलेक्शन इंटरव्यू बेस पर हुआ है।
दरअसल, ममता ने 10 दिसंबर 2016 को इतिहास प्रवक्ता (PGT) की लिखित परिक्षा दी थी। इसमें उन्होंने 73 अंक हासिल कर अपने वर्ग में दूसरा स्थान हासिल हुआ था। उसके बाद 11 जुलाई को इंटरव्यू हुआ, जिसमें ममता को 40 अंक मिले। इस हिसाब से उनके कुल अंकों का योग 113 हुआ। वहीं, किसी अन्य ने लिखित परीक्षा में 64 और इंटरव्यू में 47 अंक हासिल किए। इसके बाद लोक सेवा आयोग ने 111 अंक लेने वाले को सिलेक्ट कर लिया जबकि ममता को रिजेक्ट कर दिया।
हद तो तब हो गई जब आयोग ने कहा कि सिलेक्शन इंटरव्यू बेस पर होता है। आयोग का यह कहना सिलेक्शन प्रोसेस पर कई सवाल खड़े करता है कि आखिरकार जब इंटरव्यू बेस से ही सिलेक्शन होता है तो लिखित परीक्षा क्यों….??
काबिल छात्रों से हो रहा खिलवाड़
ममता ने आरोप लगाया है कि आयोग में धांधली हुई है जिसके चलते कम अंक लेने वालों को जॉब्स मिल रही हैं और जो लोग अपनी मेहनत से ज्यादा अंक ला रहे हैं उन्हें आयोग ठेंगा दिखा रहा है। ममता ने कहा कि कम अंक लेकर जिसका भी सिलेक्शन हुआ है वह किसी मंत्री की सिफारिश से जॉब ले रहा है या फिर आयोग में उनका कोई जान पहचान का है जो काबिल छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रहा है।