शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी रहे एवं हिमाचल प्रदेश यूनिवसिर्टी में प्रोफेसर डा. प्रमोद शर्मा को स्सपेंड कर दिया गया है। आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान शिमला ग्रामीण से कांग्रेस कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने उनकी शिकयत चुनाव आयोग से की थी। उन पर आरोप है कि वह बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में हुई चुनाव रैली में शामिल थे और उन्होंने पार्टी की गतिविधियेां में पूरी तरह से भाग लिया। विक्रमादित्य सिंह की शिकायत पर चुनाव आयोग ने प्रमोद शर्मा से गत दिनों जवाब भी मांगा था।
इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी शिमला की रिपोर्ट भी प्रामोद शर्मा के खिलाफ थी। जिसे देखेत हुए चुनाव आयोग ने प्रामोद शर्मा को विश्वविद्यालय से सस्पेंड करने के निर्देश जारी किए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रामोद शर्मा द्वारा दिए गए जवाब में उन्होंने कहा था कि भाजपा के प्रत्याशी अचानक मिले और इस दौरान कोई भी राजनीतिक मंशा से बातचीत नहीं हुई्र। परंतु वीडियो सर्विलांस टीम द्वारा दिए गए तथ्यों में यह साफ हो गया कि प्रमोद शर्मा भाजपा की चुनावी रैली में शामिल थे। जिसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना है। इस पर चुनाव आयोग ने डा. प्रमोद शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने के साथ उन्हें सस्पेंड करने के आदेश दिए। उन्हें चार्जशीट भी कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि आचार संहिता के दौरान कोई भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी या किसी भी सरकारी शिक्षण संस्थान को अध्यापक किसी भी राजनीतिक गतिविधियेां में भाग नहीं ले सकता है। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में बिजनेस मेनेजमेंट विभाग में वरिष्ठ प्रोफेसर के पद पर हैं। उन्हें भाजपा की गतिविधियों में भाग लेना काफी महंगा पड़ गया।