Identification Special School: हमीरपुर के साथ लगते गांव शासन में स्थित पहचान स्पेशल स्कूल पिछले 10 वर्षों से अक्षम बच्चों को सक्षम बनाने का कार्य कर रहा है। 2014 में एक ही अक्षम बच्चे से शुरू हुए इस स्कूल में अब 58 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें कुछ बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग हैं, जो ठीक से सुन नहीं पाते या बोल नहीं पाते हैं।
स्कूल में बच्चों को भाषण चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, व्यवहार चिकित्सा, विशेष शिक्षा तकनीक, दैनिक जीवन कौशल, खेल, और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। पहचान स्पेशल स्कूल में पढ़ाई कर रहे बच्चे अब सामान्य स्कूलों में जा रहे हैं और बोर्ड की परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें 42 लड़के और 16 लड़कियां शामिल हैं, जिन्हें स्पेशल एजुकेटर्स की टीम सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रही है।
दीपावली पर्व के अवसर पर, बच्चे अपने हाथों से मोमबत्तियों, तोरणों, झुमरों, और मोबाइल किट जैसे उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इन उत्पादों की प्रदर्शनी स्कूलों में लगाई जाती है और बाजार में भी बेची जाती है। जो आय प्राप्त होती है, वह बच्चों के लिए आवश्यक सामग्री पर खर्च की जाती है।
स्कूल की अध्यक्षा चेतना शर्मा ने बताया कि अगस्त माह से त्योहारी सीजन के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए आवासीय योजना का प्लान तैयार किया गया है और उन्हें गाड़ी की सुविधा देने का भी प्रावधान है। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से बड़ी गाड़ी की डिमांड की है ताकि अधिक बच्चों को स्कूल लाने में सहूलियत हो सके।
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