प्रदेश सरकार से नाराज चल रहे किसानों-बागवानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सयुंक्त किसान मंच ने सरकार को दो टूक कह दिया है कि जो सरकार किसान-बागवानों की मांगों पर गौर नहीं करेगी उसका सयुंक्त किसान मंच बहिष्कार करेगी. मंच ने कहा कि किसान-बागवान 1990 में पहली बार लामबंध हुए थे और किसानों-बागवानों ने दो बार हिमाचल में मुख्यमंत्रियों को बदला है.
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने मुख्यमंत्री को आगाह किया, ”किसानों-बागवानों की बात नहीं मानेंगे तो चुनावों में इसके परिणाम भुगतने को तैयार रहें.” उनका कहा है कि मंच के साथ 21 संगठन जुड़े हुए हैं. इसमें सभी पार्टियों के लोग शामिल हैं. जिन लोगों ने किसानों-बागवानों का साथ नहीं दिया उनका साथ नहीं दिया जाएगा.
सेब के दाम ओंधे मुहं गिरे लेकिन सयुंक्त किसान मंच के आंदोलन के चलते जल्द दाम संभल गए. मंच ने किसानों बागवानों की 13 मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन दिए और बैठक बुलाने की मांग उठाई थी लेकिन आज तक मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री को किसानों-बागवानों से मिलने का समय नहीं दिया. अब सयुंक्त किसान मंच प्रदेश भर में सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन खड़ा कर सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. उपचुनाव में संयुक्त किसान मंच उस पार्टी का समर्थन नहीं करेगी जो किसानों-बागवानों का हित नहीं चाहती है.
उन्होंने कहा कि फॉरेलने संघर्ष समिति के ब्रिगेडियर खुशाल को टिकेट देकर यदि सरकार सोचती है कि ये आंदोलन ख़त्म हो जाएगा तो ये सरकार की गलतफहमी है. फॉरेलने प्रभावितों को फैक्टर दो के तहत मुआबजा मिलना चाहिए.
Fatal Accident in Rohru Chidgaon: शिमला जिले के रोहड़ू-चिड़गांव क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे…
एचपीयू चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) शुरू करने की तैयारी में है। यह…
Ashish Chaudhary marriage with Imunagambi: अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज सुंदरनगर के आशीष चौधरी ने मणिपुर की इमुनागांबी…
हिमाचल प्रदेश की क्रैक अकादमी 6,800 युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी करवाने के…
75th Constitution Day: जिला भाजपा हमीरपुर की उपाध्यक्ष उषा बिरला ने 75वें संविधान दिवस पर…
TCP Unauthorized Construction: हिमाचल प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन (टीसीपी) अधिनियम 1977 के तहत…