मंडी: भारतीय प्रौ़द्योगिकी संस्थान मंडी में जी20-एस20 मीट के दूसरे दिन सम्पूर्ण स्वास्थ्यः स्वास्थ्य और बेहतर सेहत के लिए सम्पूर्ण दृष्टिकोण पर चर्चा पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मलेन में पारंपरिक और आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल की प्रणालियों के एकीकरण पर जोर दिया, जिसका लक्ष्य साक्ष्य-आधारित प्रथाओं, रोकथाम उपायों और व्यक्तिगत देखभाल के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन को बढ़ावा देना है।
इस सम्मलेन ने एक ऐसे मंच के रूप में कार्य किया जहां दुनिया भर के व्यक्तियों और समुदायों के स्वास्थ्य और सेहत में सुधार के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग और कार्य करने योग्य रणनीतियों पर चर्चा की गई।
सम्पूर्ण स्वास्थ्य सम्मेलन में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता शामिल हुए। जिसमें डॉ. अजय सांखे निदेशक, भक्तिवेदांत अस्पताल और अनुसंधान संस्थानय डॉ. राम जयसुंदर, प्रोफेसर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्लीय डॉ. रवींद्र पीएन एसोसिएट प्रोफेसर, चेतना अध्ययन केंद्र, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बैंगलोरय डॉ. उमेश एस., मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर, केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान रांचीय डॉ. रश्मी माथुर, मुख्य परिचालन अधिकारी, मधुमेह से मुक्तिय राधिका भालेराव संस्थापक, मोहन आश्रम, पुणे शामिल रहे।
डॉ. विक्रांत कंवर, डी.एम.एस., एम्स बिलासपुरय श्री विश्वास वासुदेव फाटक, योग विशेषज्ञ और अतिथि संकाय, आईआईटी मंडीय डॉ. धवल दलाल, कोर ग्रुप सदस्य और एचओडी – जनरल मेडिसिन, भक्तिवेदांत अस्पताल और अनुसंधान संस्थानय और डॉ. पूजा गुप्ता, सहायक प्रोफेसर, पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय, देहरादून। इसके अलावा प्रोफेसर प्रेम व्रत, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईटी मंडी, प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा, निदेशक, आइआइटी मंडी और डॉ. वरुण दत्त, अध्यक्ष, भारतीय ज्ञान प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य अनुप्रयोग केंद्र, आईआईटी मंडी के द्वारा अपने सम्बोधन के साथ इस सम्मलेन की अध्यक्षता की गई।
आइआइटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने सम्मलेन के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और नशे की लत की बढ़ती समस्याओं के कारण सम्पूर्ण स्वास्थ्य की बहुत आवश्यकता है। भक्तिवेदांत हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. अजय पी. सांखे ने आध्यात्मिक कल्याण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आध्यात्मिक कल्याण से वास्तव में ज्ञानवर्धक द्रष्टिकोण मिलता है जिसने सम्पूर्ण स्वास्थ्य की हमारी समझ में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
एम्स दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. राम जयसुंदर ने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया स्वास्थ्य देखभाल और रोग प्रबंधन में लंबे समय से चले आ रहे संकट से जूझ रही है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज, बैंगलोर के चेतना अध्ययन केंद्र के डॉ. रवींद्र पीएन ने कहा, कि भारतीय ज्ञान प्रणाली के ज्ञान को चित्रित करते हुए सांख्य विधि स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक सम्पूर्ण दृष्टिकोण के लिए एक परीक्षण योग्य सैद्धांतिक रूपरेखा प्रस्तुत करता है।
रांची के सेंटर इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री में मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. उमेश ने मानसिक स्वास्थ्य में अंतरक्षेत्रीय समन्वय के महत्व और बेहतर सेवा प्रदान करने में इसकी भूमिका पर ध्यान दिलाया। मधुमेह मुक्ति की मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. रश्मी माथुर ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन के लिए डिजिटलीकरण की क्षमता का लाभ उठाने पर अपने अमूल्य द्रष्टिकोण प्रदान किया।
मोहन आश्रम की संस्थापक राधिका भालेराव ने समग्र स्वास्थ्य के महत्व पर अपना बहुमूल्य द्रष्टिकोण प्रदान किया। आइआइटी मंडी के इंडियन नॉलेज सिस्टम फॉर मेंटल हेल्थ एप्लीकेशन सेंटर के अध्यक्ष डॉ. वरुण दत्त ने तनाव के स्तर को कम करने में भारतीय शास्त्रीय रागों के चिकित्सीय प्रभावों का अध्ययन करने सहित सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए आईआईटी मंडी द्वारा की जा रही पहल पर प्रकाश डालते हुए ओडिसी नृत्य के चिकित्सीय लाभों के बारे में और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर महा-मंत्र के जाप के प्रभावों पर चर्चा की।