- सेब के अवैध आयात का मामला विधानसभा में गूंजा, विधायक कुलदीप राठौर ने सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- बागवानी मंत्री का जवाब: बिना क्वारंटीन के पौधे लाने वालों पर कार्रवाई होगी, यूनिवर्सिटी के साथ रिव्यू मीटिंग होगी।
- बजट सत्र में अगले तीन दिन तक चर्चा, सत्तापक्ष-विपक्ष में नोकझोंक के आसार।
Illegal apple plant imports: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन मंगलवार को सेब के अवैध आयात का मुद्दा प्रमुखता से उठा। कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने सरकार द्वारा दिए गए लिखित जवाब पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि विदेशों से बिना क्वारंटीन के लाए जा रहे सेब के पौधे प्रदेश के बागवानी क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। उन्होंने मांग की कि बागवानी विश्वविद्यालय को स्थानीय जलवायु के अनुकूल सेब की उन्नत किस्में विकसित करनी चाहिए।
मंत्री जगत सिंह नेगी का जवाब
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि बिना क्वारंटीन के सेब के पौधों का आयात नियमानुसार प्रतिबंधित है, और जो ऐसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सेब की पैदावार बढ़ाने के लिए आयात जरूरी है, क्योंकि यूरोप और अमेरिका में 50 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन हो रहा है, जबकि हिमाचल में यह केवल 10 टन प्रति हेक्टेयर है।
बिना क्वारंटीन के लाए जा रहे पौधों का खतरा
हिमाचल में पिछले कुछ वर्षों से इटली से बड़ी संख्या में सेब के पौधे आयात किए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक, इन्हें पोस्ट-एंट्री क्वारंटीन प्रक्रिया से गुजरना चाहिए, लेकिन प्रदेश में अधिकांश इंपोर्टर इन पौधों को सीधे अपने बागानों में लगा रहे हैं, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
बजट सत्र में गरमाई सियासत
इसके अलावा, विधानसभा में आज से बजट पर चर्चा शुरू होगी, जो अगले तीन दिनों तक चलेगी। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है। नेता प्रतिपक्ष ने बीते दिन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू झूठे वादे कर रहे हैं।