Categories: हिमाचल

बिलासपुर में लोगों को एड्स के प्रति किया जागरुक

<p>जिला बिलासपुर के सिविल अस्पताल घुमारवीं में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनीत शर्मा के आदेशानुसार राष्ट्रीय एड्स जागरूकता दिवस का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता खंड स्वास्थ्य शिक्षक घुमारवीं सुरेश चन्देल की। इस जागरूकता अभियान&nbsp; पर खंड स्वास्थ्य शिक्षक सुरेश चन्देल ने बताया कि यह एड्स जागरूकता अभियान 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को एड्स बीमारी क्या है, इसके लक्षण क्या होते है और इस बीमारी से हम कैसे बच सकते हैं? इसके बारे विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने&nbsp; बताया कि इस बीमारी का पता हमे खून की जांच से लगता है औऱ जिस व्यक्ति में हयूमन इम्युनो डेफिशिएंसी वायरस प्रवेश कर ले तो उस व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली नष्ट हो जाती है। जिससे शरीर हर तरह के संक्रमणों और रोगों की चपेट में आता चला जाता है।</p>

<p>चन्देल ने बताया&nbsp; कि एचआईवी एड्स बीमारी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध के द्वारा, एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने से , एचआईवी संक्रमित दूषित सुईयों और सिरिंजों के इस्तेमाल से, संक्रमित मां से शिशु को हो सकती है। उन्होंने बताया कि लोगों में कुछ गलत फैमियां हैं। यह बीमारी छूने से, आपसी मेल-जोल से, मच्छर के काटने से, साथ रहने या उठने बैठने से, साथ खाना खाने से, एक दूसरे के कपड़े पहनने से, एक ही बाथरूम का प्रयोग करने से एड्स की बीमारी नहीं फैलती। इस एड्स जागरूकता&nbsp; दिवस पर आशा कार्यकर्ताओं की भाषण और नाटक प्रतियोगिता भी करवाई गई। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से&nbsp; नगद ईनाम दिए गए।</p>

<p>इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य पर्यवेक्षक जगदीश चंद ने बताया कि हमारे जिला में चार एड्स एकिकृत जांच एवं परामर्श केन्द्र बनाए हैं। जिसमें जिला अस्पताल बिलासपुर, सिविल अस्पताल घुमारवीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भराड़ी, और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पंजगाई में खोले गए हैं। इन केन्द्र में एड्स की बीमारी की जांच और परामर्श ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज-कल के नौजवान दिन-प्रतिदिन नशे के आदि हो रहे हैं और एक ही सिरिंज और सुई का प्रयोग करके एड्स बीमारी ग्रहण कर रहे हैं। सर्वे के अनुसार 15-24 साल के नौजवान एड्स बीमारी के अत्यधिक रोगी आ रहे हैं।</p>

<p>उन्होंने कहा कि जानकारी ही इस बीमारी का बचाव है। उन्होंने ने आशा कार्यकर्ताओं को इस बीमारी के बारे में लोगो को भी जागरूक करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि नौजवान बच्चों को इस प्रकार की जानकारी से बहुत लाभ मिलता&nbsp; है। क्योंकि&nbsp; आज के नौजवान कल के समाज का एक हिस्सा बनेंगे और इस आयु में नौजवान को जोश होता है। जिससे वह&nbsp; गलत ओर भी चले जाते हैं, यदि उन्हें सही दिशा निर्देश न दें।</p>

Samachar First

Recent Posts

शिमला में निकाला सद्भावना मार्च, शांति बनाए रखने की ली शपथ

  Shimla: हिमाचल प्रदेश मस्जिद विवाद से धार्मिक सौहार्द पर उभरे जख्‍मों पर मरहम लगाने…

3 hours ago

बहुउद्देशीय खेल परिसर में युवाओं के लिए नए अवसर, खेलों के विकास की ओर एक कदम

65करोड़ रूपये से खरीड़ी मैदान में बन रहा परिसर आधुनिक तरीके से स्पोर्ट्स कॉम्लेक्स का…

4 hours ago

गलोड़ और कांगू में मस्जिदों के निर्माण पर उठे सवाल, प्रदर्शन कर मांगी जांच

  Hamirpur: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र के…

5 hours ago

10आईपीएस समेत 152 पुलिस वालों को डीजीपी डिस्क अवार्ड

  शिमला | हिमाचल प्रदेश के 10 आईपीएस अधिकारियों समेत 152 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को 2023…

5 hours ago

दारु पीने के दोस्‍त पर पेट्रोल फेंककर लगा दी आग, जानें फ‍िर क्‍या हुआ

Kullu: कुल्लू के माशना गांव में एक व्यक्ति ने अपने दोस्त पर पेट्रोल फेंककर आग…

6 hours ago

बड़ोग टनल में पौने दो घंटे फंसी ट्रेन, यात्रियों को हुई भारी परेशानी

  Solan:  विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर बड़ोग टनल में इंजन हांफ जाने से…

6 hours ago