Categories: हिमाचल

सरकारी स्कूलों में ‘मिड डे मील’ के अलावा कुछ हासिल नहीं होता: निजी स्कूल एसोसिएशन

<p>कांगड़ा के जयसिंहपुर में निजी स्कूल एसोसिएशन जयसिंहपुर के अध्यक्ष जसवंत ढड़वाल की अध्यक्षता में प्रतिदिन री एडमिशन पर हो रही बयानबाजी पर चर्चा हुई। सभी संचालक इस बात पर सहमत हुए की एडमिशन फीस फर्स्ट क्लास 9 और प्लस वन में ही ली जाए। लेकिन एनुअल फीस के बिना वह स्कूल के खर्चे जिसमें साइंस फंड फर्नीचर फंड स्पोर्ट्स फीस, बिजली बिल , स्मार्ट क्लास फीस , एग्जाम फीस , नेशनल डेज सेलेब्रेशन फीस , सेनिटेशन चार्जेज इत्यादि खर्चे नहीं चला सकते ।</p>

<p>स्कूल संचालकों के कहना है कि क्षेत्र के निजी स्कूलों की फीस और सालाना फीस का ब्यौरा वह सरकार को बार-बार दे चुके हैं। जिसे सार्वजनिक करते हुए उन्होंने कहा कि वह पहली से दसवीं कक्षा तक 500 रुपए प्रतिमाह और सालाना फीस 1000 से 2000 रुपए तक लेते हैं । जबकि सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील और अन्य खर्चों पर अत्यधिक सरकारी लूट की जा रही है। यह आम जनता के टैक्स का पैसा है जिसका आज दुरुपयोग हो रहा है। अतः हमारी सरकार से मांग है कि वह गरीब बच्चों के खाते में सीधे पैसे डालें ताकि गरीब से गरीब बच्चा भी अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें ।</p>

<p>उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील के अलावा और कुछ हासिल नहीं होता जो सरकारी और निजी स्कूलों के परीक्षा परिणाम के आंकड़ों से साफ पता चलता है। निजी स्कूलों से पासआउट बच्चे अच्छे डॉक्टर , इंजीनियर , सेना में ऑफिसर बन रहे हैं अभिभावकों की रुचि अपने बच्चे को निजी स्कूलों में ही पढ़ाने की है । वहीं दूसरी तरफ निजी स्कूल समाज में फैली बेरोजगारी को कम कर रहे हैं बाबजूद इसके सरकार उनसे और क्या चाहती है ।</p>

<p>अंत में एसोसिएशन के अध्यक्ष जसवंत ढ़ड़वाल ने सरकार से कुछ सवाल पूछते हुए कहा कि अगर सरकार के पास इन सवालों का जवाब होगा तो संचालक वही करेंगे जो सरकार चाहेगी ।<br />
&nbsp;<br />
1&nbsp; जो अध्यापक वर्ग कर्मचारी वर्ग प्राइवेट स्कूलों में नौकरी करके अपने परिवार का गुजारा चला रहा है यदि वह निजी स्कूल बंद कर देंगे तो क्या सरकार इन परिवारों की गारंटी लेगी ।<br />
2 क्या सरकार के पास इतनी स्कूल के भवन है जहां पर प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे लाखों बच्चे बैठ सकेंगे ?<br />
3 क्या लाखों बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार के पास रोजगार है ?<br />
4 जिन स्कूलों को आपने एनओसी दी है उनके ऊपर बस लोन या बिल्डिंग लोन को भरने की सरकार की मंशा क्या है ?<br />
5 बच्चों से जुड़ा सवाल पूछते हुए ढ़ड़वाल ने कहा कि क्या जो बच्चे 3 साल से किसी संस्था के साथ जुड़े हैं या बच्चों के अभिभावक वह सरकारी स्कूलों की घिसी पिटी परंपराओं में जाना चाहेंगे । उन्होंने&nbsp; सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि वह निजी शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाएं उन्हें आर्थिक सहायता मुहैया करवाएं ना कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करें ?</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

“JOA IT पदों पर चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी, इतने को मिली नियुक्ति”

  Shimla: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने राज्य चयन आयोग की सिफारिशों के आधार…

1 hour ago

अतिक्रमण एक रात का नहीं, सुक्खू सरकार से पहले हुआ अवैध निर्माण: कुलदीप

  Shimla : हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर विधानसभा की ओर से कमेटी…

2 hours ago

मुख्यमंत्री के निर्देश पर हमीरपुर में ‘कायाकल्प’ अभियान से बदल रही है शहर की तस्वीर

  Hamirpur: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिले के मुख्यालय हमीरपुर शहर की…

2 hours ago

राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है सरकार: बाली

  टांडा मेडिकल कालेज भी स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर नए आयाम कर रहा स्थापित विश्व…

2 hours ago

प्रमोशन लिस्ट के इंतजार में कई शिक्षक बिना प्रिंसिपल बने होंगे रिटायर

  वर्तमान में प्रिंसिपल के 500 पद है खाली लेक्चरर्स की 90:10 की मांग का…

3 hours ago

अनुष्का दत्ता पहुंची मिस यूनिवर्स इंडिया-2024 के फाइनल में, हिमाचल की पहली प्रतिभागी

  Shimla: रोह‍डू की रहने वाली 22 वर्षीय अनुष्का दत्ता मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 प्रतियोगिता…

3 hours ago