शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिन्होंने कोविड जैसी महामारी में अपने जान की परवाह किए बिना कोरोना पीड़ितों की सेवा की आज वह अपने बच्चों के दो जून की रोटी के लिए सड़कों पर हैं। इससे ज़्यादा अमानवीय और शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता है।
छह महीने का वेतन दिये बिना 30 सितंबर को लगभग दो हज़ार कोविड वॉरियर को सरकार ने बर्खास्त कर दिया। क्या कोविड वॉरियर का परिवार नहीं हैं। क्या उन्हें अपने बच्चे नहीं पालने हैं? क्या उन्हें बच्चों की फ़ीस नहीं देनी। इस तरह की अमानवीयता की उम्मीद किसी भी सरकार से नहीं की जा सकती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोविड के लिए काम करने वाले लोगों को पूरी दुनिया में सम्मानित किया गया। प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार दिये गये। कोरोना की वैक्सीन बनाने में सहयोग देने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार दिया गया।
हिमाचल में कोविड के वॉरियर को अपमानित किया जा रहा है। इस तरह की स्थिति के लिए सरकार ज़िम्मेदार है। इतने कठिन समय में सेवा करने वालों के साथ इस तरह का बर्ताव किसी भी तरह से सही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोविड वॉरियर को बाहर करने का फ़ैसला पूर्णतया अमानवीय है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को बने मात्र दस महीनें ही हुए हैं लेकिन आज प्रदेश भर के लोग सड़कों पर हैं। ऐसी परिस्थिति सरकार की नाकामी और झूठ के कारण बनी है। उन्होंने कहा कि आज ज़िला पंचायत के लोग सड़कों पर हैं। एसएमसी के शिक्षक सड़कों पर हैं। सफ़ाई कर्मचारी सड़कों पर हैं। सुरक्षा गार्ड सड़कों पर हैं।
परीक्षा परिणाम न जारी करने से युवा सड़कों पर हैं। प्रदेश के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग आज सड़कों पर अपनी माँगों को लेकर सचिवालय, चौड़ा मैदान, रिज मैदान पर धरना दे रहे हैं। ज़िला मुख्यालयों से लेकर तहसील और ब्लॉक मुख्यालय पर लोग सरकार ख़िलाफ़ सड़कों पर हैं।
नेत्र प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने एसएमसी शिक्षकों से किया हुआ वादा भी नहीं निभाया। हमारी सरकार में हमने यह सुनिश्चित किया कि उनकी नौकरी नहीं जाए। उन्हें समय समय पर वेतन वृद्धि का लाभ मिले। हमारी सरकार उनके लिए कैजुअल और मैटरनिटी लीव का प्रावधान किया। जिससे उन्हें इन कर्मचारी हितों से जुड़े लाभ मिल सकें।
वर्तमान में सुक्खू सरकार किसी भी चीज को और बेहतर बनाने की बजाय सिर्फ़ तालाबंदी पर काम कर रही है। जिसकी वजह से आज प्रदेश के लोग सड़कों पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष कहा कि सरकार ने अपना रवैया बदलने नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब यह कांग्रेस सरकार ही सड़कों पर आ जाएगी।
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