पर्यटन सीजन में वाहनों की आमद बढ़ने से प्रशासन के लिए बढेगी चुनौती, जाम से निजात के लिए क्या है शिमला पुलिस का प्लान
पर्यटन के लिहाज से समर सीजन के लिए हिमाचल प्रदेश की राजधानी तैयार है. पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग उम्मीद में है कि पर्यटकों की आमद हिमाचल में बड़े ताकि पर्यटन कारोबार को नए पंख मिल सके. ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ट्रैफिक मैनेजमेंट की है. पर्यटकों की आमद बढ़ने से ट्रैफिक पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा.
ऐसे में शिमला के स्थानीय लोगों को भी बढ़ते गाड़ियों के फलों के कारण जाम से दो चार होना पड़ता है. लिहाज़ा शिमला में जाम से निजात के लिए शिमला पुलिस की तैयारीयों को लेकर शिमला पुलिस के अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि शिमला में जाम के लिए यहां की भौगोलिक स्थिति बड़ा फैक्टर है. लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद उनकी टीम ट्रैफिक प्रबंधन में लगातार काम कर रही है.
शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि शिमला प्रदेश की राजधानी है, जिस कारण यहां प्रदेश के मुख्य कार्यालय, बड़े अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय है. इस कारण ट्रैफिक का फ्लो बहुत अधिक रहता है और जाम की स्थिति पैदा होती है. हमारा विभाग ट्रैफिक कंट्रोल के लिए बहुत ही सक्रियता से कार्य कर रहा है.
एसपी शिमला ने कहा कि कुछ ऐसे इंडिपेंडेंट फैक्टर्स है, जो पुलिस के नियंत्रण से बाहर है, जिसमे वाहनों की संख्या का बहुत अधिक होना एक मुख्य कारण है. इसके अलावा वाहनों की संख्या के अनुसार शिमला में स्पेस नहीं है, शिमला करीब 7 हजार फीट की ऊंचाई पर है और जैसे जैसे ऊंचाई बढ़ती है तो स्पेस की उपलब्धता भी कम होती जाती है.
इसमें एक और बहुत बड़ा फैक्टर समय भी है, सभी कर्मचारी, विद्यार्थी या अन्य कामगार लोग करीब एक ही समय में अपने काम के लिए घर से निकलते है और लगभग एक ही समय में अपने काम से घर के लिए निकलते है. इस कारण एक छोटे से समय में हमे बहुत ज्यादा वाहनों को नियंत्रित करना होता है, जिसे हमारी टीम बखूभी कर भी रही है.