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हिमाचल प्रदेश की महिलायों में बढ़ता स्तन कैंसर सबसे ज़्यादा खतरे की घंटी।

पी. चंद |

शिमला, पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में वैसे तो जानलेवा कैन्सर कई लोगों की जान ले रहा है। लेकिन कैंसर के सबसे बड़े ख़तरे से पहाड़ की महिलाएं जूझ रही है। इसमें स्तन कैंसर (ब्रैस्ट कैंसर) महिलाओं पर ज्यादा भारी पड़ रहा है। हिमाचल में होने वाले कैंसर में सबसे ज्यादा ब्रैस्ट कैंसर से महिलाएं जूझ रही है।

 ये हम नही कह रहे है, बल्कि ये जानकारी आईजीएमसी रेडियोलोजी हेड डॉ संजीव शर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि ब्रैस्ट कैंसर का पता पहली स्टेज में चल जाए तो 100 फ़ीसदी ठीक होने की संभावना है लेकिन यदि कैंसर का पता चौथी स्टेज में चलता है तो ठीक होने की संभावना 20 फ़ीसदी रह जाती है। इसके बारे में शहरी के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं को जागरूक करना जरूरी है। ताकि समय रहते कैंसर का पता चल सके और इसका इलाज हो सके।

 हिमाचल के आईजीएमसी ब्रैस्ट कैंसर की जांच की सभी मशीन उपलब्ध है उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में 2357 नए मामले महिलाओं में कैंसर के आए जिनमें से 201 ब्रैस्ट के मामले थे। कैंसर के 40 से 50 तक कि महिलाओं  में ज्यादा मामले आ रहे है इसलिए नियमित रूप से मैमोग्रा करवानी चाहिए। मंडी से सबसे ज्यादा कैंसर के मामले आ रहे है जबकि शिमला व कांगड़ा दूसरे व तीसरे नंबर पर है।